RANCHI: अगर आप किसी शहर में रहते हैं और बेहतर सुविधाओं के लिए टैक्स भरते हैं तो आपको सभी सुविधाएं पाने का भी अधिकार है। ऐसे में आपको हेल्थ, एजुकेशन के अलावा बेहतर सड़क पर चलने का भी अधिकार है, क्योंकि आप इसके लिए सरकार को टैक्स देते हैं। वहीं चुनाव के समय कैंडिडेट्स भी बेहतर सड़क देने का वादा करते हैं। इन सबके बावजूद सिटी के मेन रोड समेत कई कनेक्टिंग रोड में जगह-जगह गढ्डे हादसों को न्योता दे रहे हैं। इस वजह से हर दिन टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाले एक्सीडेंट कर घायल हो रहे हैं। अचानक सामने गढ्डा आने पर लोग कंट्रोल नहीं कर पाते और बचाने के चक्कर में सामने वाले को भी घायल कर दे रहे हैं। इतना ही नहीं, कई बार लोग खुद को बचाने के चक्कर में भी दूसरों को चोटिल कर दे रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर राजधानी को इन गढ्डों वाली सड़कों से कब आजादी मिलेगी?

हरमू मुक्तिधाम पुल

हरमू रोड भारत माता चौक से मुक्तिधाम जानेवाली सड़क पर पुल पूरी तरह जर्जर हो चुका है। इस पुल पर केवल गढ्डे ही गढ्डे नजर आ रहे हैं। इस वजह से लोग रोड से गुजरने से पहले कई बार सोचते हैं। इसके बावजूद आजतक पुल में बने गढ्डों को नहीं भरा गया।

बरियातू-कमरटोली रोड में 70 घायल

बरियातू रोड में करमटोली चौक, आर्मी कैंट, आरोग्य भवन और रिम्स के सामने बड़े-बड़े गढ्डों की पैचिंग कर दी गई। लेकिन बारिश के बाद ये दोबारा से उखड़ने लगी हैं। ऐसे में इन रास्तों से गुजरने वालों को एक बार फिर हादसे का डर सताने लगा है। बताते चलें कि इस रोड पर लगातार एक्सीडेंट हो रहे थे। जिसमें इस साल लगभग 70 लोग घायल हो चुके हैं। इसके बाद ही गढ्डों की पैचिंग की गई थी।

सीवरेज-ड्रेनेज के बहाने गढ्डे ही गड्ढे

नगर निगम एरिया में सिवरेज-ड्रेनेज का काम पिछले दो सालों से चल रहा है। इस चक्कर में पाइपलाइन बिछाने के नाम पर सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया है। अब बारिश के कारण इन सड़कों पर चलना भी लोगों के लिए मुश्किल है। थोड़ा सा ध्यान चूका तो आप सीधे गढ्डे में गिर जाएंगे। इस वजह से लोग गाडि़यां लेकर जाने से भी डर रहे हैं।

पथ निर्माण विभाग को करना है मेंटेनेंस

सड़कों को बनाने के साथ ही उसका मेंटेनेंस करने का जिम्मा भी पथ निर्माण विभाग का ही है। ऐसे में राजधानी में बनने वाली सड़कों की देखरेख भी उन्हें ही करनी है। वहीं मुख्य सड़कों को जोड़ने वाली कनेक्टिंग सड़क बनाने और मेंटेनेंस का काम रांची नगर निगम करता है। इन सड़कों के निर्माण के बाद एक समय तक उसका मेंटेनेंस भी कांट्रैक्टर को ही करना होता है। वहीं सीवरेज-ड्रेनेज का काम करने वाली एजेंसी को भी तत्काल सड़क दुरुस्त करने की जिम्मेवारी दी गई है।

1793 करोड़ का स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट

नगर विकास विभाग ने राजधानी में पांच सड़कों को स्मार्ट बनाने की योजना तैयार की है। इसके लिए 1793 करोड़ का बजट भी तैयार किया गया है। इससे सड़कों पर कहीं गढ्डे नहीं बचेंगे। इसके अलावा रोड के दोनों ओर एन्क्रोचमेंट भी नहीं होगा। राजधानी में आबादी और वाहनों के दबाव को लेकर विभाग की योजना जब धरातल पर उतरेगी तो सच में तस्वीर बदल जाएगी पर इसके लिए लोगों को इंतजार करना पड़ेगा।

इन सड़कों पर चलना खतरनाक

-कांटाटोली चौक से स्टेशन रोड वाली सड़क

-राजेंद्र चौक से रिसालदार बाबा दरगाह जानेवाली सड़क

-डंगराटोली चौक से पुरुलिया रोड

-बूटी मोड़ से रिम्स जाने वाला रोड

वर्जन

हमलोग सड़कों का निर्माण कराते हैं और दुरुस्त भी करते हैं। लेकिन कुछ एजेंसियों को काम करने के लिए एनओसी इसी शर्त पर दिया जाता है कि वो खुदाई करने के बाद रोड को पहले की तरह बना देंगे। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उनसे कहा गया है कि अगर नहीं बना सकते तो हमें बता दें। उसे ठीक करा देंगे। सड़क खराब होने की सूचना मिलती है तो उसपर पैच वर्क करा दिया जाता है, ताकि लोगों को गढ्डों से छुटकारा मिल सके। नई सड़कें बनाने को लेकर योजना बन रही है।

-राजेश मुर्मू, ईई, पथ निर्माण विभाग

Posted By: Inextlive