- ड्राइवर्स की कमी के कारण रूट पर नहीं दौड़ पा रहीं अधिकांश बसें

- अब 350 ड्राइवर्स को आउटसोर्स करने की तैयारी में रोडवेज एड्मिनिस्ट्रेशन

- 325 परमानेंट ड्राइवर्स की रिक्रूटमेंट का मामला शासन में लटका

देहरादून, ड्राइवर्स की कमी के चलते रोडवेज की करीब 45 बसें रोजाना रोडवेज के बाड़े में स्टैच्यू बनकर खड़ी रहती हैं। ऐसे में दूर-दराज जाने वाले पैसेंजर्स को दिक्कत तो होती ही है, रोडवेज को घाटा वहन करना पड़ता है। ड्राइवरों की कमी पूरी करने के लिए रोडवेज एड्मिनिस्ट््रेशन ने अब आउटसोर्सिग से ड्राइवर्स की तैनाती का फैसला लिया है। इसके लिए आउटसोर्स कंपनीज से वार्ता की जा रही है।

ड्राइवर और बसों का गणित

रोडवेज के पास 954 बसें और 1156 ड्राइवर हैं। 250 ड््राइवर अस्वस्थ होने के कारण बस चलाने की स्थिति में नहीं हैं जबकि 40 रोजाना छुट्टी पर रहते हैं। ऐसे में 866 ड्राइवर ही 954 बसों के संचालन के लिए उपलब्ध हैं। जाहिर है कुछ बसों का संचालन नहीं हो सकता। रोडवेज के पास परमानेंट ड्राइवर रिक्रूट करने के लिए बजट नहीं है, इसलिए आउटसोर्सिग से ड्राइवर्स की कमी पूरी करने की प्लानिंग है।

हर माह 45 लाख का लॉस

बसों के संचालित न होने से हर माह निगम को 45 लाख का लॉस उठाना पड़ रहा है। यानि 45 बसों के खड़े रहने से रोडवेज को रोजाना डेढ़ लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। ड्राइवर एक्स्ट्रा चक्कर लगाने से भी हाथ खींच रहे हैं, इसकी वजह ड्राइवर्स को समय पर इंसेंटिव न मिलना बताया जा रहा है।

350 ड्राइवर्स किए जाएंगे आउटसोर्स

रोडवेज द्वारा सभी बसों का संचालन करने के लिए 350 ड्राइवर्स प्राइवेट कंपनीज से हायर किए जाएंगे। ड्राइवर को पर किलोमीटर के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। इसके लिए हिल रूट्स पर 2.10 रुपए पर किलोमीटर और प्लेन रूट पर 1.85 रुपए पर किलोमीटर की दरें तय की गई हैं। एक्स्ट्रा चक्कर लगाने पर 25 परसेंट इंसेंटिव दिया जाएगा। निगम की ओर से टेंडर नोटिस जारी कर दिया गया है।

300 नई बसें होंगी बेड़े में शामिल

निगम के बेड़ें में 300 बसें और शामिल होनी हैं। इन बसों के लिए भी निगम को ड्राइवर हायर करने होंगे। ऐसे में निगम के पास फिर से बसों को संचालित करने की दिक्कत हो सकती है। परमानेंट 325 ड्राइवर की नियुक्ति का मामला शासन में अटका हुआ है। इसके अलावा करीब 200 अनुबंधित बसें निगम के बड़े में शामिल होनी हैं।

पहाड़ी रूटों पर कितना सेक्सेज होंगे ड्राइवर ?

भले ही निगम एजेंसियों से ड्राइवर हायर करने जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि पहाड़ी रूटों पर बस को संचालित करने वाले ड्राइवर कितने सक्सेज होंगे।

निगम के बेड़े में बसें

- 954 बसें निगम के बेड़े में

- 45 बसें रोज रहती हैं खड़ी

- 1.5 लाख रुपए का रोजाना नुकसान

- 45 लाख रुपए का नुकसान हर माह

ड्राइवर्स की स्थिति

- 1156 ड्राइवर हैं निगम के पास

- 250 ड्राइवर अस्वस्थ, नहीं चला सकते बस

- 40 ड्राइवर रोज रहते हैं छुट्टी पर

- 866 ड्राइवर ही रहते हैं रोजाना उपलब्ध

- 350 ड्राइवर आउटसोर्स करने की तैयारी

आउटसोर्स ड्राइवर्स को प्रति किमी के हिसाब से भुगतान

हिल रूट्स - 2.10 रुपए प्रति किमी

प्लेन रूट्स - 1.85 रुपए प्रति किमी

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रोजवेज के पास ड्राइवर्स की कमी है, 325 ड्राइवर्स की परमानेंट भर्ती का मामला शासन में लटका है। ऐसे में कई बसों का संचालन नहीं हो पाता, 350 ड्राइवर आउटसोर्स करने की तैयारी है, जिसके लिए टेंडर नोटिस जारी कर दिया गया है।

दीपक जैन, जीएम, परिवहन निगम

Posted By: Inextlive