प्रतिबंध के बाद भी कैसे पहुंच रहे डग्गामार
-प्रतिबंध के बावजूद प्राइवेट वाहनों की आवाजाही से शहर में लग रहा जाम
-कैंट रेलवे स्टेशन के सामने से दौड़ रहे डग्गामार वाहन VARANASIजाम की समस्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह रोक के बावजूद बड़े वाहनों का आवागमन है। सिटी के कई रूट ऐसे हैं जिन पर बड़े वाहनों का आवागमन बंद है इसके बावजूद वाहन इन रूट पर पहुंच रहे हैं और जाम की समस्या खड़ी कर रहे हैं। लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर निर्माण कार्य के चलते तीन माह तक अंधरापुल-कैंट तक का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। सिर्फ रोडवेज की चुनिंदा बसों को अंधरापुल के रास्ते बस स्टेशन परिसर में इंट्री की परमीशन दी गई है। इलाहाबाद रूट की सभी बसें चांदपुर स्थित कलेक्ट्री फार्म से संचालित हो रही हैं। रोडवेज बसों और पब्लिक के बड़े वाहनों के लिए इस डायवर्जन का सख्ती से पालन हो रहा है। लेकिन प्राइवेट वाहनों पर यह लागू नहीं हो रहा है। वो जहां चाहें जाएं और सवारी बिठाएं। प्रतिबंध के बावजूद प्राइवेट वाहन अंधरापुल-कैंट रूट पर दौड़ रहे हैं। डग्गामार वाहन आजमगढ़, जौनपुर की सवारियां कैंट रेलवे स्टेशन के पास खुलेआम बैठा रहे हैं। इलाहाबाद जाने वाली सवारियों को भी मौका देखकर बस में सवार कर ले रहे हैं। डग्गामार वाहनों के कैंट स्टेशन के रोड पर खड़े होने से जाम लग जाता है।
हर वक्त दौड़ रहे डग्गामार कैंट रेलवे स्टेशन के सामने बैरिकेडिंग के बाद भी प्राइवेट बस खड़ी हो रही हैं। ये बसें मेन रोड पर सुभाषनगर होते हुए पेट्रोल पंप के सामने से प्रतिबंधित एरिया को पार करते हुए धड़ल्ले से निकल रहीं हैं। इनके आवागमन के चलते मेन रोड़ पर भीषण जाम लग रहा है। पुल निर्माण के दौरान पब्लिक की सुरक्षा के मद्देनजर हुई बैरिकेडिंग के चलते रोड पर स्पेस बहुत कम बचा हुआ है। सिर्फ छोटे वाहन ही पास होने लायक जगह बचती है। ऐसे में जब प्राइवेट बसें उसमें चली आती हैं तो जबरदस्त जाम लग जाता है। ऑटो हटे नहीं जाम से पूरा शहर कराह रहा है। इस समस्या से निबटने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास तो कर रही है लेकिन बहुत सफल नहीं हो पा रही है। इसके लिए डिपार्टमेंट खुद जिम्मेदार है। शहर से उन ऑटो को नहीं हटाया गया जिनका परमिट खत्म हो गया है।लगभग दो हजार से अधिक आटो शहर में बिना परमिट के दौड़ रहे हैं। इसके बावजूद ई-रिक्शा की बढ़ती संख्याओं को ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट हरी झंडी दे रहा है। छोटे से बड़े वाहन शहर में बेधड़क बैन के बावजूद रूट पर देखे जा रहे है। सड़क किनारे वाहन खड़ी हर सवारियां बैठा रहे हैं।
रोडवेज भी परेशान उत्तर प्रदेश परिवहन निगम बनारस डिविजन के अधिकारियों ने डग्गामार वाहनों की धरपकड़ को लेकर अधिकारियों को कई बार लेटर लिखा है। किसी लेटर पर कार्रवाई नहीं हुई। डग्गामार वाहन संचालकों की हिम्मत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कई बार रोडवेज परिसर में घुसकर सवारियों को बैठाते हैं। इसे देखकर कई बार प्राइवेट वाहन संचालकों और रोडवेज कर्मचारियों में नोकझोंक सहित मारपीट की घटनाएं भी हुई है। जाम से कराहता रहा शहर बड़े वाहनों की अत्यधिक आवाजाही, रूट डायवर्जन और सड़क पर बेतरतीब तरीके से खड़े होने वाले वाहनों से सोमवार को पूरा शहर जाम की चपेट में रहा। दोपहर में मलदहिया से लेकर सिगरा तक पब्लिक जाम में हलकान रहीं। उधर, पांडेयपुर इलाका भी शाम के वक्त जाम की चपेट में आ गया। आम से लेकर खास लोग तक इसमें फंसे रहे। एंबुलेंस और स्कूल वाहन भी जाम में फंसे रहे।प्राइवेट वाहनों में जिनको परमिट है उन्हें, छूट दी गई है। अन्य वाहनों को प्रतिबंधित एरिया में नहीं जाने दिया जा रहा है। जाम की समस्या से शहर के लोगों को ना जूझना पड़े इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहा है।
सुरेशचंद्र रावत, एसपी ट्रैफिक जाम से पूरा शहर बेहाल है। ऐसा कोई दिन गैप नहीं जाता जिस दिन जाम में फंसकर बहुत मूल्य समय न बर्बाद हुआ हो। डेली यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। गौरव राठी, भेलूपुर ट्रैफिक पुलिस सिर्फ कट्स बंद करके खानापूर्ति की है। मेन जाम के कारणों पर उनका फोकस ही नहीं है। रोडवेज स्टेशन के आसपास डग्गामार वाहनों की भरमार है। आकाश द्विवेदी, चौकाघाट शहर की स्थिति यह हो गई है कि यदि आपको जरूरी काम से घर से बाहर निकलना है तो कम से कम एक घंटे का एक्स्ट्रा समय लेकर निकले। अभिषेक मिश्रा, लहरतारा कैंट रेलवे स्टेशन के सामने रोड पर प्राइवेट वाहन खड़े हो रहे है। भोर और रात में इनका जमावड़ा कुछ अधिक ही रहता है। यह ट्रैफिक पुलिस को नहीं दिखाई देता। राजकुमार मिश्रा, सिगरा