-बनारस में प्रवासी सम्मेलन से पहले रोडवेज विभाग की ई-बस चलाने की इच्छा पर फिरा पानी

-चार्जिग स्टेशन बनाने के लिए नहीं मिली जमीन, हेडक्वार्टर में ही खड़ी हैं बनारस को मिली ई-बसें

सिटी को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की ओर से रोडवेज बनारस रीजन को इलेक्ट्रिक बसों की सौगात दी गई है। हेडक्वार्टर से फ‌र्स्ट फेज में दस ई-बसें सिटी को मिली हैं। सूबे के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक इलेक्ट्रिक बसों को प्रवासी भारतीय सम्मेलन से पहले ही पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में चलाना था लेकिन जिला प्रशासन रोडवेज विभाग को अब तक जमीन ही मुहैया नहीं करा पाया है। ई-बस को चार्ज करने के लिए चार्जिग सब स्टेशन बनाने को अभी तक जमीन ही खोजी जा रही है। तो ऐसे में जनवरी माह में ई-बस चलाने का अरमान का पूरा होना मुश्किल है। ऐसे में प्रवासी सम्मेलन से पहले शहर में ई-बस चलाने का प्रयास अभी कागजों तक ही सीमित है।

32 से 40 सीटर्स की होंगी ई-बसें

बनारस को मिलने वाली ई-बसें 32 से 40 सीटर्स की होंगी। बनारस में रोडवेज विभाग को जगह मिल जाए तो इन ई-बसों को वही पर चार्ज किया जाएगा। छोटा वर्कशॉप भी बनाने की योजना है ताकि बसों की मरम्मत की जा सके। यह भी तय हो जाएगा कि एक बार में चार्ज होने पर ई-बस कितना किलोमीटर चल पाएगी। बहरहाल, यह साल तो निकल ही गया है। ऐसे में नए साल में ही ई-बसों का आगमन शहर में संभव है। जबकि शासन लेवल से दिसंबर माह में ही ई-बस चलाने को लेकर एक अहम बैठक हुई थी। इसमें कमेटी भी बनाई गई है। वहीं रोडवेज प्रशासन पार्किग, वर्कशॉप व चार्जिग स्टेशन बनाने के लिए मिर्जामुराद की ओर जमीन देख रहा है।

प्रवासी सम्मेलन से पहले ई-बस चलाने की योजना सफल नहीं हो पाएगी, क्योंकि अभी तक जमीन ही चयनित नहीं हो सकी है। पार्किंग, वर्कशॉप और चार्जिग सेंटर के लिए जमीन की दरकार है।

केके शर्मा, आरएम, बनारस रीजन

रोडवेज बस स्टेशन

Posted By: Inextlive