- शहर में पकड़े गए टप्पेबाज गैंग के तीन शातिर बदमाश

- होटल में कमरा लेकर बैंक ग्राहकों को बनाते थे निशाना

GORAKHPUR: शहर के भीतर लूटपाट और टप्पेबाजी को अंजाम देने वाले गैंग के तीन शातिरों को क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया. बिहार से आकर शहर में लोगों के रुपए लूटने वाला यह गैंग चार साल में करीब तीन करोड़ का चूना पब्लिक को लगा चुका है. लग्जरी लाइफ जीने वाले गैंग के सदस्यों के रहन-सहन से इनके बारे में सहज अनुमान लगाना मुश्किल होता. होटल में कमरे लेकर टारगेट तलाशने वाले बदमाशों तक पहुंचने में मोबाइल सर्विलांस ने मदद की. करीब 10 सदस्यों वाले गिरोह के बदमाश गोरखपुर, देवरिया, बलिया, गोपालगंज, पटना, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर सहित कई जगहों पर सक्रिय हैं. जो सीनियर सिटीजन, अकेली महिलाओं, एक जिले से दूसरे जिले में ट्रेवेल करने वाले यात्रियों को शिकार बनाता है. गिरफ्तार बदमाशों के पास से 51,250 रुपए नकदी सहित कई सामान बरामद हुए.

कई घटनाओं का हुआ पर्दाफाश

शहर में लगातार हो रही टप्पेबाजी की घटनाएं पुलिस के लिए चुनौती बन गई थीं. वाहनों के शीशे तोड़कर रुपए और बैग चुराने, बैंक से अकेले रुपए निकालकर घर लौट रहे लोगों की नकदी चोरी करने, टेंपो और बस में सवार यात्रियों के बैग का चेन खोलकर कीमती सामान चोरी की घटनाओं पर एसएसपी डॉ. सुनील कुमार ने कड़ा रुख अपनाया. तीन माह के भीतर दर्ज हुई 10 घटनाओं में शामिल बदमाशों की गिरफ्तारी का टास्क क्राइम ब्रांच को सौंपा. सोमवार को पुलिस लाइन तिराहा के पास क्राइम ब्रांच और कैंट पुलिस की कंबाइन टीम ने तीन संदिग्धों को दबोच लिया. पूछताछ में उनकी पहचान बिहार के गोपालगंज, भोरे निवासी प्रिंस सिंह उर्फ गोलू सिंह, बेगूसराय जिले के संधौल के डूमरी शांति निवासी गोविंद पांडेय उर्फ गोईया और मुजफ्फरपुर, बैरिया चौराहा के रहने वाले गोविंदा के रूप में हुई. तीनों के पास से लूट और चोरी की नकदी, एक मतदाता कार्ड, तीन आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और दो मोबाइल फोन बरामद हुए. पूछताछ में पता लगा कि वह तीनों टप्पेबाजी गैंग के सदस्य हैं जिनका सरगना गोविंद पांडेय उर्फ गोईया है. पकड़े गए बदमाशों ने जनवरी माह से मार्च के बीच गोरखपुर सहित अन्य जगहों पर 20 से अधिक वारदातों को अंजाम देना कबूल किया. पुलिस को बताया कि उनके गैंग में कुल 10 लोग शामिल हैं.

होटल में ठिकाना, बैंक ग्राहकों पर निशाना

पूछताछ में सामने आया कि इस गैंग के सदस्य बिहार से गोरखपुर सहित अन्य जिलों में सफर करते हैं. अपने फोर व्हीलर और बाइक के अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट से पहुंचकर टारगेट चुनते हैं. तत्काल कोई व्यवस्था न होने पर होटल में कमरा लेकर खाते-पीते हैं. बैंक में जाकर दो-तीन साथी ऐसे लोगों को चुनते हैं जो विदड्राल भरने में मदद मांगे. बुजुर्ग, महिलाओं और अकेले लोगों को चुनकर किसी न किसी बहाने उनकी नकदी उड़ा देते हैं. इसके साथ ऐसे लोगों को टारगेट करते हैं जो एक शहर से दूसरे शहर में यात्रा कर रहे हैं. उनके बैग की चेन काटकर रुपए और ज्वेलरी उड़ाकर फरार हो जाते हैं. खास बात यह है कि जिस शहर में घटनाओं को अंजाम देते हैं वहां दोबारा कम से कम 20 से 25 दिन बाद पहुंचते हैं. ताकि कोई उनको पहचान न सके. गैंग के सदस्यों को बेगूसराय में ट्रेनिंग दी जाती है. वहां पर सबसे शपथ ली जाती कि पकड़े जाने पर कोई किसी के बारे में कोई जानकारी नहीं देगा.

चार साल में तीन करोड़ का लगाया चूना

टप्पेबाजी करने वाला गैंग करीब चार साल से एक्टिव है. गोरखपुर सहित अन्य जगहों पर गैंग के सदस्य तीन करोड़ नकदी और कीमती सामान उड़ा चुके हैं. जनवरी माह से लेकर मार्च तक इस गैंग के खिलाफ 10 मामले रजिस्टर्ड हुए थे. इनमें कैंट थाना में चार, कैंट थाना में पांच, चौरीचौरा और गुलरिहा में एक-एक, बलिया के उभाव में एक और गोपालगंज नगर में दो एफआईआर दर्ज हुई. 27 मार्च को गोलघर में वाहन का शीशा तोड़ने के बाद से पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया. तब पुलिस इस गैंग तक पहुंच सकी. पुलिस टीम का कहना है कि टप्पेबाजी करने वाले लग्जरी लाइफ जीते हैं. उनके मकान और रहन-सहन को देखकर लोकल पुलिस हाथ नहीं डाल रही थी.

सीओ क्राइम प्रवीण सिंह की अगुवाई में टीम गठित की गई थी. तीन शातिर बदमाशों को अरेस्ट किया गया है. उनसे पूछताछ में पता लगा है कि 10-12 की तादाद में शातिर गैंग में शामिल हैं. अन्य की तलाश की जा रही है. बैंक के ग्राहकों, अकेले सफर करने वाले, शीशा तोड़कर सामान उड़ाने सहित कई घटनाओं को गैंग अंजाम देता है.

अशोक कुमार वर्मा, एसपी क्राइम

Posted By: Syed Saim Rauf