RANCHI : कैग (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जेनरल ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट के अनुसार समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2013 में रिम्स 1.14 करोड़ की गड़बड़ी पाई गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार रिम्स के पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच के कैश काउंटर का संचालन एक बाहरी एजेंसी को इस शर्त पर दिया गया था कि वह रोजाना जितना पैसा इस काउंटर पर वसूलेगी, उसे रिम्स के कैशियर के पास जमा कराना होगा। लेकिन जब कैग ने जांच की तो डेली कितना पैसा इन काउंटर पर आया और कितना कैशियर के पास जमा किया गया, इसका न तो कोई रजिस्टर मेंटेन किया गया और न ही कैशियर के पास जमा किया गया। इस रिपोर्ट ने रिम्स की एक और गड़बडी को पकड़ी है।

वापसी के लिए रसीद जमा करने का है नियम

नियम के अनुसार अगर कोई मरीज रिम्स के रेडियोलॉजी और पैथालॉजी में जांच के लिए पैसा जमा करता है और अगर उसकी जांच वहां नहीं होती है तो वह अगले दिन वापसी की रसीद जमा करके अपना पैसा वापस ले सकता है। इसके लिए इसके लिए मरीज को रिम्स प्रशासन को अप्लीकेशन देना होता है, लेकिन साल 2012-13 के दौरान रिम्स के मरीजों को 54.19 लाख रुपए वापस कर दिए गए, जबकि मरीजों को रिम्स प्रशासन ने सिर्फ 9.61 लाख रुपए वापस देने का निर्देश दिया था। ऐसे में 44.58 लाख रुपए कहां और किस मरीज को दिए गए, इसका कोई प्रमाण नहीं मिल पाया। कैग की रिपोर्ट में विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी सेंटर के उपकरणों की खरीद और ऑफिस के रखरखाव, डॉक्टर्स और कर्मचारियों के वेतन में भी वित्तीय अनियमितता सामने आई है।

कैग की रिपोर्ट जारी

31 मार्च 2013 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए झारखंड सरकार की लेखा पर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जेनरल ऑफ इंडिया की जेनरल, सोशल एंड इकोनॉमिक (नॉन पीएसयू) सेक्टर की ऑडिट रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई। इसके बाद इस रिपोर्ट को डोरंडा स्थित एजी आफिस में मीडिया के सामने प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर प्रधान महालेखाकार मृदुला सपू ने बताया कि इस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि झारखंड में चल रही कई योजनाओं में व्यापक पैमाने पर घोटाले के साथ ही इसमें कई अनियमिताएं पाई गई हैं। खासकर रांची में स्थित झारखंड के सबसे बड़े सरकारी मेडिकल संस्थान में तो कई वित्तीय गड़बडि़यों को पकड़ा गया। कैग की इस रिपोर्ट में इंदिरा आवास योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, झारखंड में ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, झारखंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की बुनियादी संरचना, पथ निर्माण विभाग, राष्ट्रीय ई-शासन योजना और शिक्षा के लिए बारहवीं वित्त आयोग के अनुदान का उपयोग की झारखंड कैसा क्रियान्वयन रहा है। इसका आडिट किया गया है।

Posted By: Inextlive