इन दिनों चुनावी मौसम पूरे रंग पर है. ऐसे में एक ओर तो मतदाताओं से धर्म और जाति से अलग हटकर वोट करने की बात की जा रही है वहीं दूसरी ओर देश में धर्म परिवर्तन की कवायद भी जोरों पर है. गौरतलब है कि इसी साल अगस्‍त में अलीगढ़ में 72 लोग इसाई धर्म छोड़कर हिंदू बन गए थे. अब इस क्रम में आगरा का नाम भी जुड़ गया है. खबर है कि य‍हां 200 मुसलमानों की फ‍िर से हिंदू धर्म में वापसी कराई गई है.

'पुरखों की घर वापसी'
एक रिपोर्ट के मुताबिक धर्म परिवर्तन का यह पूरा कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन धर्म जागरण समन्वय विभाग और बजरंग दल के साथ मिलकर आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के तहत करीब 57 मुस्लिम परिवारों को फिर से हिंदू धर्म में शामिल किया गया है. इस कार्यक्रम को नाम दिया गया है 'पुरखों की घर वापसी'.
25 दिसंबर को ईसाइयों का होगा धर्म परिवर्तन
'पुरखों की घर वापसी' के इस जद्दोजहद पर संघ के पदाधिकारी राजेश्वर सिंह ने जानकारी दी है कि 200 से अधिक मुसलमानों को 'वापस हिंदू धर्म में' शामिल किया गया है. जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि धर्मांतरण कर वापस हिंदू धर्म में लौटने वाले इन लोगों को नए नाम भी दिए जाएंगे. इसके साथ ही इस क्रिसमस के मौके पर अलीगढ़ में पांच हजार से अधिक मुस्लिम और ईसाइयों को भी वापस हिंदू धर्म में शामिल किया जाएगा. इसको लेकर अलीगढ़ के माहेश्वरी कॉलेज में भव्य समारोह का आयोजन होगा.
रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ कार्यक्रम
आगरा में आयोजित 'पुरखों की घर वापसी' कार्यक्रम के तहत सभी नए घरों में भगवा ध्वज फहराया गया. धर्माचार्यों के मंत्रोच्चारण के बीच मुस्लिम परिवारों ने हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के चरण धोए. इसके बाद धर्म परिवर्तन करने वाले सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाया गया और संघ व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इन लोगों के नामों की सूची तैयार की, ताकि इनके वोटर आईडी और आधार कार्ड भी नए सिरे से तैयार कराए जाएं. उधर आगरा के एसएसपी सलभ माथुर ने जानकारी दी कि इस समारोह के बारे में पुलिस को किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई है. उन्होंने बताया कि अगर लोग अपनी मर्जी से धर्म परिवतर्न करना चाहते हैं तो फिलहाल उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता, यह उनका मूल अधिकार है.

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Posted By: Ruchi D Sharma