गरीब बच्चों के निजी स्कूल में पढ़ने के सपने पर वार्ड बना रोड़ा
- रेजीडेंस और स्कूल अलग अलग वार्ड में होने पर फंसे 118 आवेदन
- आरटीई के तहत जिले में 486 आए हैं आवेदनबरेली: निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के पढ़ने की मंशा पर शहर के वार्ड नंबर का पेंच फंस गया है. आरटीई के तहत शहर के 118 बच्चों के एडमिशन सिर्फ इस वजह से नहीं हो सके क्योंकि जिस स्कूल में बच्चों के एडमिशन होने थे वो स्कूल और बच्चे का निवास स्थान दोनों अलग-अलग वार्ड में थे. दरअसल वेडनसडे तक नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्र के आवेदनों की सत्यापन प्रक्रिया हुई. जिसमें निरस्त हुए आवेदनों में अधिकांश में बच्चे का निवास स्थान व प्रवेश की मांग किए जाने वाला निजी स्कूल अलग-अलग वार्ड में था. वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिनकी एज निर्धारित से अधिक से अधिक थी. तो कुछ बच्चों के पास पहचान पत्र, निवास स्थान प्रमाण पत्र नहीं था. कई आवेदनों में आय प्रमाण पत्र भी काफी पुराना लगा था. हालांकि अभी देहात क्षेत्र के आवेदन की सत्यापन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है.
30 अप्रैल तक होंगे एडमिशनदरअसल आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 25 परसेंट सीटों पर गरीब बच्चों के एडमिशन होने हैं. जिसके चलते एक मार्च से पांच अप्रैल तक जिले भर में आरटीई प्रवेश के लिए 486 ऑनलाइन आवेदन हुए. थर्सडे तक सभी खंड शिक्षाधिकारियों को अपने क्षेत्र के आवेदनों का सत्यापन करके ऑनलाइन प्रक्रिया लॉक करनी है. 16 अप्रैल को ऑनलाइन लॉटरी निकलने के बाद 30 अप्रैल तक बीएसए को निजी स्कूलों में प्रवेश कराने हैं.
वर्जन. सत्यापन में नगर क्षेत्र के सौ से अधिक आवेदन निरस्त हुए हैं. देहात क्षेत्र की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने में थर्सडे तक का समय है. -- देवेश राय, नगर शिक्षाधिकारी.