-आरटीआई एक्टिविस्ट ने जानकारी को बताया पूर्णत: असत्य, झूठ और गलत

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PRAYAGRAJ: इविवि से जुड़े संघटक महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के चयन के लिए गठित चयन समिति के अवैध होने की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट सैयद शब्बीर हुसैन ने केन्द्रीय सूचना आयोग से की है। अपील की सुनवाई आयोग में लंबित है। शब्बीर हुसैन का कहना है कि उन्हें कॉलेजेज की चयन समिति को लेकर मांगी गई सूचना में जो जवाब दिया गया है। वह पूर्णत: असत्य, झूठ और गलत है।

कुलपति होते हैं समिति के अध्यक्ष

सैयद शब्बीर हुसैन द्वारा आरटीआई आवेदन पत्र 07 सितम्बर 2018 द्वारा सीपीआईओ इविवि से संघटक कॉलेजेस में चयन समिति के गठन को लेकर कई सूचनाएं मांगी गई थी। इस संबंध में एक कॉलेज के प्राचार्य द्वारा 13 दिसम्बर 2018 को सूचना प्रेषित की गई। इसमें स्पष्ट रुप से कहा गया है कि चयन समिति का गठन यूजीसी रेगुलेशन 2010 के क्लास 5.1.1 ए के अनुसार किया गया था। शब्बीर हुसैन का कहना है कि प्राचार्य द्वारा एक्ट के तहत प्रदान की गई सूचना पूर्णत: असत्य, झूठ और गलत है। शब्बीर का कहना है कि इस क्लाज के अनुसार विवि का कुलपति चयन समिति का अध्यक्ष होता है। जबकि संघटक कॉलेजेस में सम्पन्न चयन समिति में कॉलेज गवर्निग बॉडी का सदस्य समिति का अध्यक्ष बना हुआ था। यह प्रक्रिया यूजीसी रेगुलेशन 2010 के क्लाज 5.1.4 ए के तहत प्राईवेट कॉलेज के लिए यूजीसी ने निर्धारित किया है।

आरटीआई में मांगी गई थी ये जानकारी

-चयन समिति का गठन यूजीसी रेगुलेशन 2010 के पैरा 5.1.4 (डी) (जोकि संघटक कॉलेजेस के लिए निर्धारित है) के अनुसार किया गया या नहीं।

-जब यूजीसी रेगुलेशन के नियम और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ऑर्डिनेंस के नियमों में टकराव हो और एक ही विषय पर दो विपरीत बातें लिखी गई हो तो किसकी बात मान्य होगी ?

-यदि आर्डिनेंस मान्य होगा तो किस आधार पर मान्य होगा? क्योंकि एपेक्स कोर्ट का मानना है कि उच्च शिक्षा की नीति के संबंध में यूजीसी सुप्रीम अथॉरिटी है।

-चयन समिति के गठन में जब यूजीसी रेगुलेशन के स्पष्ट निर्देश थे तो अब तक ऑर्डिनेंस में तबदीली क्यों नहीं की गई और टकराव की स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है ?

-इविवि द्वारा प्राईवेट कॉलेज के चयन समिति (पैरा 5.1.4 (ए)) को अपनाए जाने का कारण क्या था ?

-चयन और चयन समिति के गठन के संबंध में विवाद के बाद लगभग एक वर्ष पूर्व जस्टिस आरआरके त्रिवेदी की जांच कमेटी बैठी थी। उसका निर्णय क्या रहा ?

-जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना कॉलेजेस ने सहायक अध्यापक की सैकड़ों नियुक्तियां की। यह किसके आदेश से हुआ?

Posted By: Inextlive