RANCHI: आरयू इन दिनों हंगामा जोन बना हुआ है तो इसकी वजहें भी वाजिब हैं. यूनिवर्सिटी रूल्स एंड रेगुलेशन की न तो स्टूडेंट्स परवाह कर रहे हैं और न ही आरयू ऑफिशियल्स अपनी ड्यूटी को लेकर बहुत कांशस हैं. कायदे से देखें तो स्टूडेंट्स को अपनी प्रॉब्लम अथवा डिमांड पहले यूनिवर्सिटी के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डीएसडब्ल्यू के पास रखना चाहिए लेकिन वे डायरेक्ट वीसी के चैंबर में पहुंच जाते हैं. इस वजह से न सिर्फ यूनिवर्सिटी के ऑफिशियल्स वक्र्स पर असर पड़ता है बल्कि स्टूडेंट्स को भी परेशानी उठानी पड़ती है.


स्टूडेंट्स करते रहते हैं हंगामा  ऐसा लगता है कि आरयू में रूल्स एंड रेगलेशन ताक पर है। स्टूडेंट्स अपनी जायज अथवा नाजायज बातों को मनवाने के लिए हर तिकड़म अपना रहे हैं। इसी मंडे को बीटेक स्टूडेंट्स स्पेशल एग्जाम की डिमांड को लेकर सीधे एग्जामिनेशन कंट्रोलर के चैंबर में पहुंच गए और वहां जमकर हंगामा किया। सिचुएशन को देखते हुए एग्जामिनेशन कंट्रोलर ने वीसी से जब बात की तो उन्होंने इस मुद्दे को एग्जामिनेशन बोर्ड में रखने की बात कही। लेकिन, इस मुद्दे पर इसे यूनिवर्सिटी और स्टूडेंट्स दोनों ने ही डीएसडब्ल्यू को इग्नोर कर दिया। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि जिस काम के लिए डीएसडब्ल्यू का पोस्ट है, वह क्या अब अनइंपॉर्टेंट होता जा रहा है?  
अदर यूनिवर्सिटीज में सिस्टम के तहत स्टूडेंट्स अपनी प्रॉब्लम रखते हैं। इसके तहत स्टूडेंट्स पहले अपनी प्रॉब्लम डिपार्टमेंट के एचओडी के पास रखते हैं। यहां सॉल्व नहीं होने पर डीएसडब्ल्यू के पास जाते हैं, लेकिन आरयू में इसके जस्ट अपॉजिट सिस्टम है। यहां स्टूडेंट्स अपनी डिमांड ड़ायरेक्ट वीसी के पास रखते हैं और वहीं उसका समाधान भी चाहते हैं।

क्या है सिस्टम?


लास्ट ईयर सिंडिकेट में फैसला हुआ था कि स्टूडेंट्स अपनी प्रॉब्लम अथवा डिमांड सबसे पहले डीएसडब्ल्यू के पास रखेंगे। यहां बात नहीं बनने पर डीन, प्रो वीसी को इसकी जानकारी देंगे। यहां भी अगर प्रॉब्लम सॉल्व नहीं हुआ तो मामले को वीसी के पास भेजा जाएगा। लेकिन, आरयू में यह सिस्टम फेल है।

Posted By: Inextlive