बरेली: यहां पैरों तले रौंदा जा रहा स्टूडेंट्स का भविष्य
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-आरयू में गैलरी में फेंकी हुई है 2017-18 की जमा की गई हार्ड कॉपी-पेपर्स में आधार कार्ड, मार्कशीट भरे हुए फार्म पर एड्रेस और मोबाइल नम्बर जैसी पर्सनल इंफॉर्मेशन फैक्ट फाइल05 लाख स्टूडेंट्स ले रहे हैं आरयू से एजुकेशन 512 कॉलेज हैं आरयू से जुड़े हुए 09 जिलों के कॉलेज आरयू से संबद्धhirdesh.kumar@inext.co.inBAREILLY: आरयू स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ जमकर खिलवाड़ कर रहा है। इसका अंदाजा परीक्षा विभाग के बाहर गैलरी में खुले पड़े स्टूडेंट्स के पेपर्स की हार्ड कॉपी को देखकर ही लगाया जाता है। परीक्षा विभाग के कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से जमा कराई गई पेपर्स की हार्ड कॉपी को रूम के बाहर डलवा दिया है। इससे एक तरफ तो स्टूडेंट्स का भविष्य रौंदा जा रहा है। दूसरी तरफ स्टूडेंट्स की पर्सनल इंफॉर्मेशन लीक होने का भी डर बना हुआ है।इसी साल का है रिकॉर्ड
जो पेपर्स सेट आरयू ने रूम के बाहर फेंके हैं वह 2017-18 के ही हैं। यह पेपर्स रूम में टाइल्स आदि लगने के कारण बाहर निकल कर रखे गए थे। परीक्षा विभाग के रूम में टाइल्स लगे तो एक माह बीत चुका है। लेकिन आरयू ने स्टूडेंट्स के यह जमीन पर पड़े पेपर्स को सही जगह रखवाने की जरूरत नहीं समझी।
युवती ने रास्ते से हटाए पेपर्सपरीक्षा विभाग में मंगलवार दोपहर पीलीभीत से एक युवती पहुंची तो रास्ते में पेपर्स पड़े देख दंग रह गई। उसने जमीन पर पड़े पेपर्स के ऊपर से निकल रहे लोगों को रोका और बोली यह स्टूडेंट्स का भविष्य है। इसमें कितने बच्चों के फोटो भी है और आप सभी लोग इनको पैरों से रौंद रहे हैं। हालांकि लोग युवती की बात इग्नोर करके वहां से निकलते रहे। यह देख उस युवती ने खुद ही जमीन पर पड़े पेपर्स को हटाया। इसके बाद ही वह खुद निकली और दूसरों को निकलने दिया। लेकिन युवती जैसे ही हटी वहां पर पेपर्स फिर से वहीं गिर गए। लोगों ने भी बिना इसकी परवाह करते हुए उसके ऊपर से गुजरना जारी रखा।
चोरी हाे रही गोपनीय जानकारी
आरयू के परीक्षा विभाग में पहुंचा एक युवक वहां जमीन पर पड़े पेपर्स को उठाकर देख रहा था। वह खासतौर पर लड़कियों के फॉर्म उठाकर उनकी फोटोज और मोबाइल नंबर्स को गौर से देख रहा था। इस दौरान परीक्षा विभाग के जिम्मेदार बाबू भी उधर से लगातार निकल रहे थे। लेकिन किसी ने युवक से पूछताछ करने की जहमत तक नहीं उठाई।
इस तरह हो सकता है मिसयूज फॉर्म पर दर्ज जानकारियां बेहद सेंसेटिव हैं। इनमें आधार नंबर और मोबाइल नंबर तक दर्ज हैं। हाल ही में ट्राई चीफ ने अपना आधार नंबर ट्विटर पर शेयर किया था। उसके बाद उनकी कई जानकारियां पब्लिक में आ गई थीं। इसके बाद खुद यूआईडीएआई ने लोगों से कहा था कि आधार नंबर शेयर नहीं किया जाना चाहिए।-आधार नम्बर से बैंक अकाउंट संबंधी और अन्य गोपनीय जानकारी लीक हो सकती है-हैकर्स आधार नम्बर से स्टूडेंट्स के अकाउंट में भी सेंधमारी कर सकते हैं-छात्राओं के फॉर्म में लिखे गए एड्रेस और पर्सनल मोबाइल नम्बर सार्वजनिक हो रहे हैं-स्टूडेंट्स के मूल निवास और मार्कशीट सहित जरूरी पर्सनल डिटेल भी कोई आसानी से हासिल कर सकता है वर्जनमुझे इस बात की जानकारी नहीं है। पता करके सुबह पेपर्स को सही जगह रखवाया जाएगा। इस तरह पेपर्स बिखरना गलत है।-प्रो। अनिल शुक्ला, वीसी, आरयू स्टूडेंट्स की बात
अगर विद्या के मंदिर में ही इस तरह से विद्या का अनादर कर पैरों तले कुचला जाएगा तो इससे निंदनीय और क्या होगा। इसमें आरयू की जबर्दस्त लापरवाही है। स्टूडेंट्स के जरूरी पेपर्स इस तरह से फेंक दिए हैं।
-गजेन्द्र कुर्मी, स्टूडेंट्स स्टूडेंट्स के पेपर्स कितने जरूरी हैं इस बात का अंदाजा आरयू को नहीं है। स्टूडेंट्स के फोटो पैरों तले रौंदे जा रहे हैं। आरयू को चाहिए कि पेपर्स को सही जगह रखवाएं ताकि दुरुपयोग भी न हो सके। -आरती गुप्ता, स्टूडेंट्स किसी के पेपर्स को इस तरह से फेंका जाना गलत है। स्टूडेंट्स के पेपर्स को उठाकर सही जगह रखवाना चाहिए ताकि कोई बाहरी दुरुपयोग न कर सके। क्योंकि आधार कार्ड नम्बर और इसमें छात्राओं के मोबाइल नम्बर्स भी दिए हुए है।-अनूप, स्टूडेंट्स