Mafia kingpin Rudradev arrested
डॉ रूद्रदेव के पीछे तीन महीने से पटना पुलिस की स्पेशल टीम लगी थी। उसे पटना आने-जाने की खबरें पुलिस को मिल रही थीं। इसके बाद एक स्पेशल टीम बनी। कई दिनों से वह पटना में था। मुस्कान परियोजना घोटाला के सामने आने के बाद से ही वह दिल्ली में ही रह रहा था। सीएम के जनता दरबार में मुस्कान परियोजना की कंप्लेन आने के बाद 12 मार्च को पाटलिपुत्रा थाने में कांड संख्या 50/11 दर्ज की गई थी।बहाली के नाम पर ठगी
रूद्रदेव ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर सुनियोजित तरीके से मुस्कान परियोजना नाम से एक ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन वर्ष 2006 से करवाया। इस परियोजना के तहत मुस्कान हाट, मुस्कान श्रमोदय विद्यालय, मुस्कान श्रमोदय गोशाला, मुस्कान किसान एवं मुस्कान स्वास्थ्य के नाम से योजना शुरू कराई थी। इनमें पटना, भोजपुर, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण सहित कई जगहों पर बेरोजगार स्टूडेंटस को नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी की गई। इसके अलावा माहे मुस्कान एकेडमी, एक्स-रे टेक्नॉलोजी, होमियोपैथिक एवं योग प्रशिक्षण सहित शिक्षकों, किसान सेवकों, ग्रामीण स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए ठगे थे। पटना से पुणे तक केस
फर्जीवाड़े का माफिया रूद्रदेव ने अपना एक बड़ा कुनबा खड़ा कर लिया था, जिसमें उसके भाइयों के अलावा कई ऐसे लोग थे, जो उसके एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। बिहार में पटना, भोजपुर, वैशाली, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर में मामले दर्ज तो हैं, साथ ही दिल्ली के रोहिणी सेक्टर तीन के अलावा पुणे में भी मामले हैं। उन्होंने खुद पुणे और दिल्ली में उसके ऊपर केस होने की बात स्वीकार की है। जाली डीएल और वोटर कार्डडॉ रूद्रदेव, पिता सौखीलाल सिंह, सा। पश्चिमी ठहरा, थाना मकेर, जिला- छपरा। जी हां, पुलिस की फाइलों में यही पता दर्ज है रूद्रदेव का। मगर दिल्ली में रहने के लिए उसने अपनी पहचान ही बदल दी थी। अब वह रंजन कुमार पिता- करमेश्वर प्रसाद, आरएन कॉलेज गेट, थाना- हाजीपुर, जिला- वैशाली। पुलिस को जो उसके ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आई कार्ड मिले हैं, उन पर यही एड्रेस है। उन्होंने बताया कि इतने दिनों तक फरार रहने में दोनों चीजों से उसे काफी मदद मिली।नजर नीची और बढ़ी हुई दाढ़ी
कभी गले में सोने की कई मोटी चेन और लग्जरी गाडिय़ों से चलने वाला रूद्रदेव पुलिस और मीडिया के सामने जब पेश हुआ, तो वह नंगे पांव था। पीले कलर की टीशर्ट और काले रंग की जिन्स पहने थे। नजर नीची, बढ़ी हुई दाढ़ी, मगर चेहरे पर कोई खौफ नहीं। गाडिय़ां बदलने के शौकीन रूद्रदेव सीनियर एसपी के आफिस में बेबस खड़ा था। हां, सवाल करते ही आराम से जबाब दे रहा था। दिल्ली और पुणे में अपने ऊपर मामले को स्वीकार भी किया। खुद ही कहा पहले भी जेल की हवा खा चुका है।
तीन माह से लगी स्पेशल टीम ने डॉ। रूद्रदेव को जंक्शन के पास से गिरफ्तार किया है। 150 करोड़ के घपले का मामला है। पूछताछ के बाद और भी बातें सामने आएंगी। पुलिस इंवेस्टिगेशन में लगी है।अमृत राज, सीनियर एसपी।