GORAKHPUR : हींग लगे न फिटकरी रंग भी चोखा. कुछ इसी तर्ज पर सिटी में बिल्डिंग मैटिरियल का बिजनेस करने वाले काम कर रहे हैं. अपना सारा माल सड़क पर फैलाकर बिजनेस कर रहे हैं. इससे उनका तो फायदा हो रहा है लेकिन पब्लिक की जान पर बन आई है. सड़क पर फैले गिट्टी और बालू के चलते सिटी के राहगीर आए दिन हादसे के शिकार हो रहे हैं.


दिन तो गुजर जाएगा क्या होगा जो रात हुई


दिन में राहगीर किसी तरह बच जाते हैं लेनिक रात में खतरा बढ़ जाता है। इन दिनों से बारिश का सीजन होने के चलते खतरा और भी बढ़ जाता है। सड़क किनारे बिल्डिंग मेटैरियल्स होने पर सड़क सकरी हो जाती है। रात में सामने से किसी व्हीकिल के आने पर परेशानी होती है। गाड़ियों की हेडलाइट्स की चकाचौंध बचना मुश्किल हो जाता है। बरसात के पानी में भींग कर गिट्टियां रात में काली नजर आती है। इस दौरान बाइक से फिसलने का खतरा ज्यादा होता है। दो दिनों के भीतर हुई बरसात में सड़क की इन दुकानों ने कई राहगीरों को अपना शिकार बनाया। पब्लिक के शिकायत करने पर जिम्मेदार एक दूसरे पर पल्ला झाड़तने नजर आते हैं। पीडब्ल्यूडी के अफसरों का कहना है कि वे कुछ नहीं कर सकते। पुलिस ही इस मामले में कोई कदम उठा सकती है। पुलिस कहती है कि बिना दूसरे विभागों की मदद के हम डाइरेक्ट कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। आए दिन लोग होते हैं हादसों के शिकार

सिटी में कंस्ट्रक्शन का काम बढ़ने की वजह से बिल्डिंग मैटेरियल्स की दुकान चलाने वालों की चांदी हो गई है। अपार्टमेंटंस का कंस्ट्रक्शन चल रहा है जबकि मकानों का कंस्ट्रक्शन भी उफान पर है। ऐसे में बालू, सीमेंट और गिट्टी की डिमांड हो रही है। खराब होने के डर से दुकानदार सीमेंट को गोदाम में रखते हैं, लेकिन बालू और गिट्टी सड़क किनारे पसरी रहती है। इसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ता है। दुकान का टैक्स, फ्री में सड़क दुकान के लिए शॉपकीपर्स जीएमसी को टैक्स पे करते हैं, लेकिन सड़क पर दुकान लगाने में कोई खर्च नहीं आता है। इसलिए दुकानदार सारा सामान सड़क पर फैला देते हैं। सड़क पर ट्रैक्टर- ट्राली लगाकर माल लोड किया जाता है। दुकानदारों की इस लापरवाही पर कोई विभाग कार्रवाई नहीं करता है। जीएमसी के अफसर पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदार ठहराते हैं तो पीडब्ल्यूडी के अफसर इसका दोष पुलिस पर मढ़ते हैं। एक कमरे की दुकान, सड़क पर गोदाम

एक कमरे में दुकान खोलने वाले बिल्डिंग मैटेरियल्स सप्लायर्स ने सड़कों को अपना गोदाम बना लिया है। स्टॉक मंगाने के बाद वे अपने दुकान के सामने सड़क किनारे माल गिरा देते हैं। इससे बालू और गिट्टी सड़क पर पसरी रहती है। सिटी में उन जगहों पर ऐसी दुकानें ज्यादा मिल जाएंगी जहां पर कंस्ट्रक्शन का काम तेजी से चल रहा है। देवरिया बाईपास, मेडिकल कालेज रोड, पादरी बाजार रोड, जेल बाईपास, रुस्तमपुर से लेकर कजाकपुर, सूरजकुंड, तिवारीपुर, राजेंद्र नगर, मोहरीपुर सहित कई जगहों पर ऐसी दुकानें मिल जाएंगी। हो सकती है कार्रवाई सड़क किनारे गिट्टी और बालू की दुकान चलाना भी?एक तरह का अतिक्रमण है। इसमें पुलिस सीधे कार्रवाई कर सकती है। इसके लिए दफा 32 ए में यह प्रावधान है। दुकानदारों का चालान करके पुलिस मौके पर शमन शुल्क वसूल सकती है। हालांकि दो विभागों के फेर में पुलिस यह सिरदर्द मोल नहीं लेती है। 'पीडब्ल्यूडी की सड़क पर यदि इनक्रोचमेंट हैं तो यह जिम्मेदारी उनके विभाग की है। हालांकि जीएमसी की तरफ से कार्रवाई की जाती है। पीडब्ल्यूडी के अफसर इसमें मदद करें तो ज्यादा प्रभावी कार्रवाई होगी.'गोपीकृष्ण, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर 'सड़क किनारे बालू और गिट्टी रखने वाले दुकानदारों के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। यह पुलिस की जिम्मेदारी होती है.'महेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर, पीडब्लूडी 'जीएमसी और पीडब्ल्यूडी के अफसरों के साथ मिलकर पुलिस कार्रवाई कर सकती है। लेकिन इसके लिए पहले इन दो विभागों के अफसरों को पहल करनी होगी.'परेश पांडेय, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive