Meerut : रुपया लगातार फीका पड़ रहा है. इसके साथ अपनी चमक खो रहा है सोना लेकिन रंग पब्लिक का ही उतर रहा है. पसीने जनता के छूट रहे हैं.


सब्जी से लेकर बाइक, पेट्रोल और विदेश यात्रा सब कुछ महंगा हो गया है, जिसका खामियाजा जनता को ही उठाना पड़ रहा है.एसोचैम की रिर्पोटहाल ही में एसोचैम की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में यही कहा गया है कि गिरते रुपये ने जनता की कमर तोड़ दी है। लोगों ने अपने खर्चे कम कर दिए हैं। ओवर स्पेंडिंग की अपनी आदत को कंट्रोल करने लगे हैं।ये है सीन


जागृति विहार के रहने वाले हर्ष वर्मा पहले अकसर बच्चों के साथ आउटिंग पर जाते थे। कभी पीवीएस में मूवी देखना तो कभी बाहर लंच और डिनर करना, लेकिन जब से महंगाई बढ़ी है। तब से उन्होंने अपने खर्चों पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है। कुछ ऐसा ही हाल बाकी लोगों का भी है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोलियम प्रोडक्ट, एडिबल ऑयल, हायर फॉरन एजुकेशन, फॉरेन ट्रिप, हाउस होल्ड का बजट 15 से 20 परसेंट तक बढ़ गया है। ये सर्वे मेट्रो, टीयर थ्री और सेमी अर्बन सिटीज पर फोकस है।हर ऐज के लोग

सरकार भरसक प्रयास कर रही है कि गोल्ड इंपोर्ट कम हो, लेकिन पब्लिक परंपरागत रूप से अभी भी सोने में निवेश कर रही है। सर्वे के 55 परसेंट लोग 20 से 29 साल तक की उम्र के हैं। 26 परसेंट 30 से 39 साल के हैं। 26 परसेंट 40 से 49 उम्र के हैं। दो परसेंट 50 से अधिक उम्र के हैं।सभी पेशे के लोगइस सर्वे में हर पेशे से लोगों को लिया गया है। शामिल लोगों में से 17 परसेंट आईटी सेक्टर, 11 परसेंट फाइनेंस, 8 परसेंट टेलीकॉम, 9 परसेंट इंजीनियरिंग फील्ड से हैं। 6 परसेंट मार्केट रिसर्च या केपीओ और मीडिया से हैं। वहीं करीब पांच परसेंट इंफ्रास्ट्रक्चर, चार परसेंट रीयल स्टेट, तीन परसेंट एजुकेशन एंड फूड एंड बेवरेजेज सेक्टर से बिलांग करते हैं।की फाइंडिंग ऑफ सर्वे- लोग अपनी सेलरी में से कुछ सेविंग नहीं कर पा रहे हैं।- कमजोर रुपए ने क्रूड ऑयल, फर्टीलाइजर, आयरन ओर को मंहगा कर दिया है। इन चीजों को इंडिया भारी मात्रा में इंपोर्ट करता है।- इस कारण लोग अब अपनी ओवर स्पेंडिंग की आदत को भी कम करने में लगे हैं। बाहर डिनर करना बंद कर दिया है, वेकेशन, इलेक्ट्रोनिक्स पर भी खर्चा कम किया है।- हवाई किराए और विदेश में रुकना भी 15 से 20 परसेंट तक महंगा होगा। वहीं खानपान पर 5 से 8 परसेंट और शॉपिंग पर 12 से 15 परसेंट का बजट बढ़ाना होगा।

- अब लोगों ने उन जगहों पर जाना शुरू कर दिया है जहां पर ट्रांजेक्शन यूनिट डॉलर नहीं है। जैसे कि श्रीलंका, दुबई, बाली, फुकेट या फिर वो देश में ही घूम रहे हैं, जैसे कि कश्मीर, केरल, गोवा आदि।- कंप्यूटर, टेलीविजन, मोबाइल फोन जो कि इंपोर्ट होते हैं, भी महंगे हो गए हैं।डाटा- एवरेज एक्सपेंडिचर 15 से 20 परसेंट बढ़ा।- 78 परसेंट ने इंटरनेशनल फूड चेन में जाना कम कर दिया है।- फॉरेन ब्रांड पर खर्च करने की क्षमता 65 परसेंट कम हो गई है।- 77 परसेंट लोगों ने फॉरेन वेकेशन जाने का प्लान कैंसल कर दिया।- 49 परसेंट लोगों ने होम अप्लायेंसेज पर खर्च कम कर दिया है।- 32 परसेंट ने ऑटोमोबाइल पर खर्च करना कम कर दिया है।डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यूफाइनेंशियल ईयर - साल के शुरू में - साल के अंत में1972-73 में - 7.67 - 7.651982-83 में - 9.66 - 9.971992-93 में - 30.64 - 31.232002-2003 में - 48.39 - 47.5वर्तमान में बुधवार को- 60.7"पहले हम दोस्त अकसर पार्टी के लिए या फिर आउटिंग के लिए जाते थे, लेकिन अब घर वालों ने बाहर जाने की फ्रीक्वेंसी कम करवा दी है."भूषण, स्टूडेंट

"हम दोस्त मिलकर फॉरेन ट्रिप प्लान कर रहे थे, लेकिन जब से रुपया कमजोर हुआ है। तब से मामला ठंडे बस्ते में है। अब सोच रहे हैं किसी नॉन डॉलर कंट्री में ही चलें जाएं."वरुण, प्रोफेशनल"हमने खुद तो घर के खर्चे कम किए ही हैं। बच्चों को भी समझाते हैं कि फिजूलखर्ची ना किया करें। इतनी महंगाई में कुछ बचा पाना तो संभव ही नहीं है."दिनेश, प्रोफेशनल

Posted By: Inextlive