पुलिस हिरासत में हुई नाबालिग रूपेश की मौत
RANCHI: बुंडू के नाबालिग रूपेश स्वांसी मौत मामले में तीन पुलिस अफसर व एक अंगरक्षक फंस गए हैं। इनमें बुंडू के तत्कालीन डीएसपी पवन कुमार सिंह, दशम फॉल थाने के थानेदार रहे पंकज कुमार तिवारी, राहे ओपी के थानेदार रहे अशोक कुमार व डीएसपी के अंगरक्षक रितेश कुमार शामिल हैं। इसकी पुष्टि सीआइडी जांच में हो गई है। अनुसंधानकर्ता डीएसपी बीएन सिंह की जांच रिपोर्ट पर शुक्रवार को सुपरविजन के दौरान सीआइडी एडीजीपी अजय कुमार सिंह ने मुहर लगा दी। अब इस मामले में डीजीपी डीके पांडेय के दिल्ली से लौटते ही सोमवार को सीआइडी रिपोर्ट उन्हें सुपुर्द कर देगी। सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
पुलिस हिरासत में मौत की पुष्टिसीआइडी एडीजीपी ने बताया कि जांच में यह बात साबित हो गई है कि पुलिस हिरासत में ही नाबालिग रुपेश की मौत हुई है। इसके लिए ही चारों पुलिसकर्मियों को मुख्य रूप से दोषी पाया गया है।
पिटाई से खून जमा, ब्रेन हेमरेज पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह पाया गया था कि रूपेश को इस कदर पिटा गया था कि उसके शरीर में ब्लड जगह-जगह जम गया था। इस वजह से शरीर में खून का प्रवाह बाधित हुआ और उसका ब्रेन हेमरेज हो गया। तीन हुए हैं सस्पेंडघटना सामने आने के बाद दशम फॉल थाने के थानेदार पंकज कुमार तिवारी, राहे ओपी के थानेदार अशोक कुमार को एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने निलंबित कर दिया था। जबकि डीएसपी के अंगरक्षक रितेश कुमार को दूसरे दिन निलंबित किया गया था।