घर के दरवाज़े पर मिलेगा कंडोम
इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने योजना बनाई है कि ग्रामीण इलाक़ों में लोगों के घर की दहलीज़ तक गर्भनिरोधक दवाएँ या कंडोम पहुँचाए जाएँ। बजाए इसके कि लोगों को बाहर निकलकर सार्वजनिक जगहों से लेने पड़ें। ये काम सरकार द्वारा प्रशिक्षित महिलाकर्मी करेंगी जिन्हें आशा के नाम से जाना जाता है।
फ़िलहाल इसे कुछ ज़िलों में लागू किया जाएगा। इस क्षेत्र में काम कर रहे ग़ैर सरकारी सगंठन फ़ैमली प्लैनिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव विश्वनाथ कोलिवाड कहते हैं कि ये योजना काफ़ी फ़ायदेमंद साबित हो सकती है।वे कहते हैं, "अगर गाँववालों को घर पर गर्भनिरोधक दवाएँ या कंडोम मिल जाएँ तो ये बहुत अच्छा हो जाएगा। इसलिए क्योंकि तब लोगों को बाहर जाकर नहीं ख़रीदना पड़ेगा। ये कंडोम ऐसी महिलाकर्मियाँ देंगी जिन्हें लोग जानते हैं, उनके ही गाँव की हैं। इससे गाँववालों में हिचक कम होगी। ये महिलाकर्मी पूरी तरह प्रशिक्षित होंगी। लोगों को गर्भनिरोधक अपने घर के जितने नज़दीक मिले उतना ही अच्छा है."
लोगों में नहीं होगी हिचक
वहीं कुलवंत पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी ज़िले के दूर-दराज के गाँवों में पहले से ही ग़ैर सरकारी स्तर पर ये काम कर रहे हैं.वे बताते हैं कि कार्यकर्ताओं को गाँव में अनपढ़ता और गर्भनिरोधक अपनाने को लेकर स्वाभाविक हिचक समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।