रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार को प्योंगयांग पहुंचे हैं। वे वहां ऐसे समय में गए हैं जब किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाली बातचीत को लेकर तैयारियां चल रही हैं।

निमंत्रण पर प्योंगयांग पहुंचे विदेश मंत्री
सिओल (एएफपी)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच संभावित शिखर सम्मेलन से पहले रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार को उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में पहुंचे हैं। केसीएनए समाचार एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा, 'रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) के विदेश मंत्री री योंग हो के निमंत्रण पर प्योंगयांग पहुंचे हैं।' हालांकि इससे ज्यादा जानकारी नहीं मिली, लेकिन रूस की एक समाचार एजेंसी ने बताया कि दोनों विदेश मंत्रियों ने प्योंगयांग में सुप्रीम पीपुल्स असेंबली भवन में किसी खास मुद्दे पर बातचीत शुरू कर दी है।
2009 के बाद सर्गेई पहला यात्रा
बता दें कि बुधवार को जारी किये गए एक बयान में रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वे उत्तर कोरिया में द्विपक्षीय संबंधों के साथ महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं। 2009 के बाद सर्गेई लावरोव पहली बार उत्तर कोरिया का दौरा कर रहे हैं। बता दें कि लावरोव ऐसे समय में प्योंगयांग पहुंचे हैं, जब वहां किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाली बातचीत को लेकर तैयारियां चल रही हैं।
ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन की तैयारी
बता दें कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच संभावित शिखर वार्ता को लेकर बुधवार को किम जोंग उन का सबसे खास और उत्तर कोरिया का पूर्व जासूस प्रमुख किम योंग चोल न्यू यॉर्क पहुंचे थे। वहां उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो से मुलाकात की। यहां ध्यान दें वाली बात ये है कि किम योंग चोल उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच एक ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन की तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
12 जून को सिंगापुर में होगी वार्ता
किम जोंग उन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच संभावित शिखर वार्ता 12 जून को सिंगापुर में होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इस वार्ता पर पूरी दुनिया की निगाह लगी है और सभी देश यह चाहते हैं कि इसका सकारात्मक हल निकले। उत्तर कोरिया ने ट्रंप से होने वाली बैठक को लेकर परमाणु हथियारों से अलग होने के ऐवज में अपनी सुरक्षा की मांग की है। वहीं चीन ने उत्तर कोरिया और अमेरिका से अपील की है कि यह बातचीत दोस्ताना माहौल में हो और दोनों ही नेता पूरी तरह से संयम का परिचय दें जिससे शांति की राह बंद न हो सके।

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Posted By: Mukul Kumar