रूस में स्कूली छात्रों के लिए छपी एक पुस्तक पर तत्कालीन सोवियत संघ के शासक जोस्फ स्तालिन की तस्वीर से एक विवाद खड़ा हो गया है.

तत्कालीन सोवियत संघ के वर्ष 1922 से 1953 तक नेता रहे जोस्फ स्तालिन की तस्वीर वाली ये पुस्तक पिछले एक हफ्ते से रूस में धड़ाधड़ बिक रही है। तस्वीर में उन्हें पूरी सैन्य पोशाक में, कई मेडल पहने दिखाया गया है।

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि जिस व्यक्ति पर लाखों लोगों को जान से मार देने का आरोप लगा हो उसे इस तरह से सकारात्मक तरीके से नहीं दिखाया जाना चाहिए।

जहाँ एक ओर कई इतिहासकार स्तालिन को लाखों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार मानते हैं वहीं अनेक अन्य द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके नेतृत्व की सराहना करते हैं।

सरकारी समिति ने भी की आलोचना

सरकार की एक समिति रशन पब्लिक चेंबर ने भी इसकी आलोचना की है। ये समिति छपने वाली सामग्री पर नज़र रखी है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार इतिहासकार निकोलाई स्वानिड्जे कहते हैं, "जब बच्चे पुस्तक पर ये शानदार तस्वीर देखते हैं जिसमें मूछों वाले स्तालिन खूबसूरत नजर आते हैं तो वो उन्हें हीरो की तरह देखते हैं."

रूस के शिक्षा मंत्री आंद्रे फुरसेंको का कहना है कि उन्हें ये पुस्तकें पसंद तो नहीं हैं लेकिन इन पुस्तकों की बिक्री रोकना उनके अधिकारक्षेत्र के बाहर है। पुस्तक के प्रकाशक आल्ट पब्लिशिंग हाऊस ने पुस्तक की छपाई रोकने से इनकार कर दिया है।

आर्ट डायरेक्टर आरत्योम बेलान का कहना है, "स्तालिन को इस (लोकप्रिय रूसी) श्रृंखला में शामिल करना चाहिए। यदि हम हम रूसी लोगों के बारे में किताबें छापते हैं तो क्या हम 20वीं सदी को पूरी तरह से भूल ही जाएँ?" बुधवार को राजधानी मॉस्को में स्कूल-कॉलेज की पुस्तकों की एक बड़ी दुकान में स्तालिन पर छपी ये सभी किताबें बिक गईं।

Posted By: Inextlive