Kanpur: सबसे मंहगी रोटी कहां मिलेगी? शायद इस सवाल का आप तुरन्त जवाब दे देंगे कि फाइव स्टार होटल्स और क्लब में. लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि मुंबई दिल्ली के फाइव स्टार होटल्स से भी मंहगी रोटी अपने शहर में मिलती हैं. जिसके दाम सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. जी हां क्योंकि ये रोटी 10 20 और 100 या 500 रुपए में भी नहीं मिलती. बल्कि मुंहमांगी कीमत पर मिलती है. ये कीमत हजार दो हजार पांच हजार या 10 हजार भी हो सकती है. क्योंकि ये रोटी है जेल की रोटी. जन्माष्टमी पर जेल की रोटी खाने के लिए तो एडवांस बुकिंग होती है.


जिन्हें सितारों पर है विश्वासजो रोटी जेल में कैदियों को खाने में मुफ्त दी जाती है। और जिसका नाम सुनकर ही लोग भगवान को याद करने लगते हैं उसी रोटी को शहर के कई बिजनेसमेन, नेता और दूसरे लोग किसी भी कीमत पर खा रहे हैं। ये वो लो हैं जिनका कुंडली, नक्षत्र और सितारों पर गहरा विश्वास है। और हर मुसीबत और संकट की घड़ी में ये अपने गुरु और पंडितों की शरण में जाते हैं। जो अपने जजमानों को कुंडली और नक्षत्रों को योग देखकर मुसीबत की वजह और उसका समाधान भी बताते हैं। समस्या है तो समाधान भी
कई बार पंडित नक्षत्रों का योग देखकर जजमान को बताते हैं कि आने वाले दिनों में वो जेल जा सकते हैं। इससे बचने के लिए पंडित ही समाधान भी देते हैं कि अगर वो जेल की रोटी खा लें, तो जेल जाने का योग कट सकता है। इसके बाद ही शुरू होती है जेल की रोटी खाने की मशक्कत। बिना जेल जाए इन्होनें खाई जेल की रोटीएक हजार में खरीदी रोटी


किदवईनगर में रहने वाले एडवोकेट आशुतोष शुक्ला टीनू ज्योतिष पर विश्वास करते हैं। उनका मानना है कि जिंदगी में जो भी उतार-चढ़ाव, कष्ट-मुसीबत, दुख-दर्द आते हैं उनके लिए सितारों का योग ही जिम्मेदार होता है। एक ओर वो पारिवारिक समस्या से निकलने के लिए अपने पंडित के पास गए। कुंडली देखकर पंडितजी ने जो बताया, उसे सुनकर उनके होश उड़ गए। पंडितजी ने कहा, इस समस्या के चलते ही आप पर जेल जाने के योग बन रहे हैं। इस पर मैंने पंडित जी से कहा, क्या कोई समाधान नहीं है इसका? तो उन्होंने कहा, अगर वह जेल के भंडारे में बनी रोट खा लें,  तो उनका यह योग कट जाएगा। इसके बाद वो कई दिन तक जेल की रोटी खाने के लिए जुगाड़ करते रहे। काफी मशक्कत के बाद एक बंदी रक्षक की मदद से 1000 रुपए देकर  भंडारे में बनी रोटी बाहर मंगवाई और उसे खाकर दोष का निवारण किया। विधायक ने पूरी फैमिली को खिलाईहरदोई के एक विधायक को उनके ज्योतिषाचार्य ने बताया था कि उनकी पूरी फैमिली को जेल जाने का योग है। पंडित ने इस दोष से बचने के लिए उनको जेल की रोटी खाने की सलाह दी। वे चाहते तो अपने रसूख का इस्तेमाल कर हरदोई में ही जेल की रोटी खा सकते थे, लेकिन वे बदनामी के डर से फैमिली के साथ कानपुर जेल आए और यहां पर भंडारे में बनी रोटी खाकर चले गए।

वरना मेरा बेटा जेल चला जाएगाबिरहाना रोड में रहने वाले किराना व्यापारी सुरेश अग्रवाल अपने बेटे को लेकर जेल गए थे। वहां पर उन्होंने एक बंदी रक्षक के जरिए जेल से रोटी मंगवाई और बेटे को खिलाकर उसके जेल जाने के दोष का निवारण किया। उनको एक पंडित ने बेटे की कुण्डली देखकर बताया था कि यह किसी न किसी कारण जेल जरूर जाएगा। कीमत कुछ भी ले लो, रोटी का जुगाड़ कर दोकाकादेव में रहने वाले जिला पंचायत सदस्य भी जेल में रोटी खाने गए थे। उन्होंने रसूख का इस्तेमाल कर जेल के भंडारे से रोटी मंगवा ली और उसके पूरी फैमिली को खिलाया। वह जेल में बनी सब्जी भी अपने साथ ले गए थे। उनको भी एक ज्योतिषी ने जेल में बनी रोटी खाने की सलाह दी थी, ताकि उनकी फैमिली से जेल जाने के दोष खत्म हो जाए। बंदियों को रास नहीं आती ये रोटीएक ओर जेल की रोटी के लिए कुछ लोग कोई भी कीमत देने को तैयार हैं। वहीं, जेल में बंदी उसी रोटी को खाना पसन्द नहीं करते। वे जुगाड़ से भंडारे में स्पेशल रोटी बनवाते है। कुछ तो पैसे खर्चकर बाहर से खाना मंगवाते हैं। बंदी रक्षक बेचते है रोटी
वैसे तो रोटी अनमोल होती है। भूखा इंसान ही रोटी की कीमत जान सकता है, लेकिन जेल में बन्दीरक्षक मुंह मांगी कीमत पर रोटी को बाहर बेचते हैं। वे जरूरतमंद को इतनी दिक्कत बता देते है कि सामने वाला उसकी मुंह मांगी कीमत दे देता है। वहीं रसूख वाले लोग सीधे जेल अधिकारियों से बताकर रोटी बाहर मंगवा लेते है। शाम को लगता है जमावड़ाजेल में शाम को बेल पर बंदियों को रिहा किया जाता है। इसके बाद बंदियों को खाना देने के बाद उनकी गिनती कर बैरक बन्द कर दी जाती है। इसके बाद बन्दी बैरक से बाहर नहीं निकल पाते हैं। इसके बाद बंदीरक्षक भंडारे की रोटी को बाहर लाकर जरूरत मंद को देते है। कुछ जरूरतमंद तो रोटी लेने के लिए लग्जरी गाड़ी से जेल पहुंचते हैं।जन्माष्टमी पर जेल की रोटी के लिए एडवांस बुकिंग
जेल जाने से बचने के लिए लोग वहां की रोटी खाते हैं, लेकिन जन्माष्टमी के दिन जेल की रोटी खाने का विशेष महत्व है। आचार्य दिनेश त्रिपाठी के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण जन्म जेल में ही हुआ था और कुछ ही देर में वो जेल से बाहर आ गए थे। जेलर एके सिंह के मुताबिक, जेल की रोटी के लिए अक्सर उनके पास सिफारिशें आती हैं, लेकिन जन्माष्टमी के दिन की डिमाण्ड ज्यादा बढ़ जाती है। अभी तक चार लोगों ने उनको जन्माष्टमी पर भंडारे में पकी रोटी देने का निवेदन किया है। "द्वादश भाव में मंगल और राहु की युति पर कारागार योग होता है। इसी तरह 86 प्रकार से कारागार योग होता है। उनका निवारण के लिए पूजा और यज्ञ के जरिए दोष की शान्ति करायी जाती है। जेल की रोटी से इस दोष का निवारण नहीं होता है। लेकिन शहर में ऐसे कई पंडित हैं जो जेल जाने का योग काटने के लिए जेल की रोटी खाने की सलाह देते हैं। ज्योतिष समाधान से ज्यादा ये टोटके के रूप में प्रचलित है." -केए दुबे पदमेश, ज्योतिषाचार्य"जेल जाने से बचने के लिए वहां की रोटी खाना एक टुटका है। इससे कई बार दोष का निवारण हो जाता है। वैसे कारागार योग से बचने के लिए यज्ञ के जरिए दोष की शान्ति करानी चाहिए। "-आचार्य दिनेश त्रिपाठी"सुना तो मैंने भी है कि जेल की रोटी खाने से जेल जाने को दोष खत्म हो जाता है। इसके लिए कई बार लोग रोटी लाने के लिए जुगाड़ व सिफारिश लगवाते हैं। जेल की रोटी की कोई कीमत नहीं वसूली जाती है। वैसे तो रोटी देने का कोई नियम नहीं है, लेकिन उसे नि:शुल्क जरूरतमंद को उपलब्ध करा दिया जाता है। "एके सिंह, जेलर

Posted By: Inextlive