-सरकारी अस्पतालों की सेवाओं को लेकर मरीजों से मेरा अस्पताल पोर्टल पर लिया जाना है फीडबैक

-पर अपने ही निकाल रहे हैं पोर्टल की हवा, हर मरीज से नहीं लिया जा रहा है मोबाइल नंबर

बनारस के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए केन्द्र सरकार ने मेरा अस्पताल नाम से पोर्टल शुरू किया है लेकिन बड़ी परेशानी यह है कि इस पोर्टल की हवा अपने ही निकालने पर उतारु हैं। अस्पताल की सेवाओं को लेकर मरीजों से पोर्टल पर लिया जाने वाला फीडबैक दर्ज ही नहीं हो पा रहा है। वजह, ओपीडी पर्ची की रजिस्ट्रेशन कराने वाले हर मरीज से मोबाइल नंबर लिया जाना है। लेकिन जो नंबर दर्ज भी हो रहे हैं उनमें से बहुत सारे नंबर गलत निकल जा रहे हैं, इसके चलते मरीजों से फीडबैक नहीं मिल पा रहा है। हॉस्पिटल प्रबंधन से निर्देश मिलने के बाद भी कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं।

कर्मचारी कर रहे लापरवाही

शहर के एसएसपीजी, डीडीयू व लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल में ई-हॉस्पिटल के बाद मेरा अस्पताल पोर्टल शुरू तो कर दिया, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही और अस्पताल प्रशासन की सुस्ती के चलते यह सुविधा सफल होने से पहले ही लड़खड़ाती नजर आ रही है। एसएसपीजी हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठे कर्मचारी हर मरीज से मोबाइल नंबर लेना मुनासिब नहीं समझ रहे। कर्मचारियों की दलील है कि यहां ज्यादातर मरीज शहर से बाहर के आते हैं। लिहाजा हर मरीज के पास मोबाइल नंबर नहीं होता। उनका कहना है कि महिलाएं और बुजुर्ग मरीज मोबाइल नंबर नहीं देते।

भीड़ भी है वजह

अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर की संख्या कम है और मरीजों की ज्यादा। ऐसे में भीड़ ज्यादा होने से हर मरीज से नंबर लेना पॉसिबल नहीं है। अगर नियम के अनुसार रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरा जाय तो 7 से 8 मिनट लग जाता है। उतने में लाइन में लगा अगला मरीज चिल्लाने लगता है। इस दौरान कई लोग गलत नंबर भी बता देते हैं। इसलिए काउंटर की संख्या बढ़ाया जाना जरूरी है।

ये है प्लान

सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली सुविधा का मरीजों से फीडबैक जानने के लिए पीएम मोदी ने खुद इस योजना की शुरुआत की है। इसके तहत मेरा अस्पताल वेब पोर्टल पर मरीजों का मोबाइल नंबर दर्ज कर उनसे हॉस्पिटल में मिल रही सुविधाओं के बाबत ऑनलाइन फीडबैक मांगा जा रहा है। इसी के बेस पर अस्पताल को ग्रेडिंग मिलनी है। बेहतर गे्रडिंग वाले हॉस्पिटल्स को शासन की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं खराब ग्रेडिंग होने पर हॉस्पिटल में सुधार के लिए प्रयास किए जाएंगे।

यह है प्रक्रिया

-ओपीडी में पर्चा बनवाने के दौरान मरीज से मोबाइल नंबर मांगा जाता है।

-सभी मोबाइल नंबर्स को मेरा अस्पताल वेब पोर्टल से लिंग किया जाता है।

-रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मरीजों से फीड बैक जानने के लिए एसएमएस भेजा जाता है।

-दिए गए नंबर पर हॉस्पिटल की सेवाओं को लेकर मरीज अपना फीडबैक दे सकता है।

एक नजर

1500 से 1700

मरीज डेली पहुंचते हैं एसएसपीजी हॉस्पिटल में

20 से 25

मरीज डेली होते हैं एडमिट

1500 से 1800

मरीज डेली पहुंचते हैं डीडीयू हॉस्पिटल में

15 से 20

मरीज यहां डेली एडमिट होते है

वर्जन---

इस संबंध में लगातार होर्डिग व पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है, ताकि इस सुविधा का लाभ सभी को मिल सके। साथ ही अस्पताल की सही स्थिति का पता लगाया जा सके। अगर कोई कर्मचारी मरीजों से नंबर नहीं ले रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

प्रियांशी श्रीवास्तव, मैनेजर, एसएसपीजी हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive