#WorldNoTobaccoDay2018: बच कर रहें 'सेकेंड हैंड स्मोक' से, यह ले लेता है हर साल 8.9 लाख लोगों की जान
70 लाख से अधिक लोगों की जाती है जान
कानपुर। आज यानी कि 31 मई को दुनियाभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2018 (World No Tobacco Day 2018) मनाया जा रहा है। इस मौके पर बता दें कि तंबाकू ना सिर्फ जिंदगी तबाह कर देता है बल्कि जिस अंदाज में यह जिंदगी को खत्म करता है वह बेहद दयनीय और दर्दनाक होता है। डब्लूएचओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, तंबाकू दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य खतरों में से एक है। यह सालाना 7 मिलियन यानी कि 70 लाख से अधिक लोगों की जान लेता है। उनमें से 6 मिलियन से अधिक मौतें सीधे तंबाकू का सेवन करने के चलते होती हैं, जबकि लगभग 8.9 लाख लोग सिर्फ 'सेकंड हैंड स्मोक' से मारे जाते हैं।
ये है सेकेंड हैंड स्मोकिंग
सेकेंड हैंड स्मोकिंग मतलब ये है कि सिगरेट पीने वाले से ज्यादा खतरा उसको होता है जो सिगरेट पीने वाले के पास बैठा होता है और सिगरेट के धुंए का प्रत्यक्ष रूप से सेवन करता है। सिगरेट के धुंए का सेवन करना ही सेकंड हैंड स्मोकिंग कहलाता है। सेंकड हैंड स्मोकिंग इतना खतरनाक होता है कि ये कुछ ही समय के अंतराल में किसी व्यक्ति की जान ले सकता है। सैकेंड हैंड स्मोकिंग करने वाले के दिल और ब्लड वेसेल्स पर इसका सीधा असर होता है। सिगरेट पीने वाले की तुलना में उनके साथ रहने वाले व्यक्ति को दिल की बीमारी होने का 25 फीसदी अधिक ख़तरा होता है।
बच्चें और महिलायें ज्यादा होती हैं प्रभावित
सेकेंड हैंड स्मोकिंग से वयस्कों में, कोरोनरी हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर सहित गंभीर हृदय रोग और श्वसन रोग होते हैं। इसके बाद बच्चों में यह अचानक मौत का कारण बनता है। वहीँ गर्भवती महिलाओं में, यह कम जन्म वजन का कारण बनता है। डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेकेंड हैंड स्मोकिंग से हरेक साल 8.9 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। इसलिए सेकेंड हैंड स्मोक से हमेशा सावधान और बच के रहें।