RANCHI : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में इलाज के लिए न सिर्फ पूरे झारखंड बल्कि दूसरे राज्यों से भी मरीज आते है। यहां कुछ मरीजों को इलाज के लिए महीनों तक रूकना पड़ता है। ऐसे में मरीजों के परिजनों के लिए साझा चूल्हा सेंटर बनाया गया है, जहां लोग खाना बना के साथ-साथ मरीज के लिए पानी और दूध आदि गर्म कर सकें। लेकिन, इसके लिए अलॉट फंड में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद इस सेंटर को बंद कर दिया गया। वहीं, घोटाले की जांच फाइल का भी अता-पता नहीं है। ऐसे में मरीज व उनके परिजनों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

आरोपी पर एक्शन नहीं

साझा चूल्हा के संचालन का जिम्मा एक सुपरवाइजर को दिया गया था। जिसने संचालन के दौरान लाखों रुपए कमाई की। लेकिन उसका हिसाब प्रबंधन को नहीं दिया। वहीं लोगों से मनमाने पैसे लेने का भी मामला उजागर हुआ। जिसकी जांच कराने की बात भी स्वास्थ्य मंत्री ने कहीं। लेकिन कुछ दिनों के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। वहीं सुपरवाइजर आज भी रिम्स में मजे की नौकरी कर रहा है।

चूल्हा-बर्तन मिलता था साझा चूल्हा सेंटर में

हॉस्पिटल के बेसमेंट में स्थित आइसोलेशन वार्ड के पीछे साझा चूल्हा सेंटर बनाया गया था। यहां चूल्हा के अलावा लोगों को बर्तन भी उपलब्ध कराया जाता था। इसके एवज में इस्तेमाल करने वालों से 15 मिनट के लिए 7 रुपए, 30 मिनट के लिए 12रुपए, 30-45 मिनट के लिए 18 और एक घंटे के लिए 24 रुपए बतौर शुल्क लिए जाते थे। ऐसे में यहां मरीज के परिजन खाना बनाने से लेकर अपनी जरूरत का पानी-दूध भी गर्म कर लेते थे। अब इसी काम के लिए परिजनों को मनमाने पैसे चुकाने पड़ रहे है।

Posted By: Inextlive