सिटी में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजंस खौफ के साए में जी रहे हैं.


क्रिमिनल्स उन्हें जब चाहे घर में घुसकर मौत की नींद सुला देते हैं और पुलिस सिर्फ जांच में अटकी रहती है। सैटरडे नाइट बदमाशों ने फिर एक ऐसी ही खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। साकेत नगर में रहने वाले रिटायर्ड प्रिंसिपल और उनकी पत्नी को बेरहमी से गला रेतकर मार डाला।

किसी को शक न हो इसलिनए हत्यारे गेट पर बाहर से ताला डालकर भाग गए। 24 घंटे तक दोनों शव घर के अंदर ही पड़े रहे। मंडे सुबह वारदात का पता चला तो एरिया में सनसनी फैल गई। प्राइमरी इंवेस्टिगेशन में हत्या की वजह प्रॉपर्टी का विवाद माना जा रहा है.


झांका तो होश उड़ गए
सोमवार सुबह 6:45 बजे का वक्त रहा होगा। साकेत नगर डब्ल्यू-1 ब्लॉक में रहने वाले वाले विनय मिश्रा की वाइफ सरिता छज्जे पर खड़ी थीं। सरिता की नजर यूं ही बगल में रहने वाले जगदंबा प्रसाद के घर की गैलरी पर पड़ी तो उन्होंने किसी महिला को बदहवाश पड़े देखा। उन्होंने फौरन घरवालों को जानकारी दी। सभी ने छज्जे पर खड़े होकर ध्यान से गैलरी में झांका तो उनके होश उड़ गए। जगदंबा और उनकी पत्नी दोनों की लाशें पड़ी हुई थीं। कंट्रोल रूम फोन कर घटना की जानकारी पुलिस को दी गई.


Turkey में है बेटा
ललिलपुर पॉलिटेक्निक से रिटायर्ड प्रिंसीपल 70 वर्षीय जगदम्बा प्रसाद वाइफ लक्ष्मी देवी के साथ रहते थे। एक बेटा आलोक और एक बेटी श्रद्धा है। आलोक टर्की की कैपिटल अंकारा की अंतरिम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। आलोक फैमिली के साथ वहां सेटल है। बेटी श्रद्धा लखनऊ के गोमतीनगर में रहती है। श्रद्धा के हसबेंड अतुल बीएसएनएल में एजीएम हैं। श्रृद्धा ने बताया कि मम्मी-पापा अकेले ही रहते थे। कई बार उन्हें लखनऊ में शिफ्ट होने के लिए कहा था मगर वो घर छोडक़र कहीं भी जाने को राजी नहीं हुए। वह फोन से बराबर मम्मी-पापा के हालचाल लेती रहती थी। आलोक मंगलवार तक आ जाएंगे.


शनिवार शाम सब ठीक था
रिटायरमेंट के बाद समय काटने के लिए पापा घर में ही पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स को पढ़ाते थे। बच्चों से कोई फीस नहीं लेते थे। रोजाना सुबह 8.30 बजे से 10.30 बजे तक बैच लगता था। इसके अलावा भी बच्चे प्रॉब्लम डिस्कस करने आते रहते थे। जूही लाल कॉलोनी का रहने वाला वरुण कुमार भी डेली पढऩे आता था। वरुण का कहना है कि सैटरडे को वह सुबह पढऩे गया था। शाम लगभग चार बजे दोस्त सुनील के साथ फिर सर के पास गया था। उन्होंनें पॉलीटेक्निक कैंपस में रहने वाले आरबी मिश्रा तक पहुंचाने के लिए कुछ बुक्स दी थीं। बुक्स देकर लगभग 6.30 बजे प्रोफेसर मिश्रा के घर वापस आए तो वहां एक लडक़ी और दो लडक़े मौजूद थे जिन्हें वह नहीं जानता। सर आंटी से बातें कर रहे थे। 10 मिनट रुकने के बार वह लौट गया।


सिर्फ  landline phone था
वरुण के मुताबिक, संडे सुबह 8.30 बजे सुनील के साथ पढऩे गया तो सर के यहां बाहर से ताला लगा हुआ था। उसने सोचा सर वाइफ के साथ मॉर्निंग वॉक पर गए होंगे। वरुण के मुताबिक, दोनों रोजाना सुबह टहलने जाते थे। 20 मिनट बाद फिर घर पहुंचे, तब भी ताला लगा था। काफी देर तक इंतजार के बाद दोनों वापस लौट गए। सर मोबाइल नहीं रखते थे। घर पर सिर्फ लैंडलाइन कनेक्शन था.

Posted By: Inextlive