भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने हाल ही में बयान दिया कि चाहे ओलिंपिक हो या फिर विम्‍बल्‍डन टूर्नामेंट वह हमेशा देश के लिए खेलती हैं। लोग गलत सोचते हैं कि वह देश के लिए नहीं खेलती क्‍योंकि वह टीम के रूप में नहीं खेलते। मगर असलियत यह है कि वह हमेशा ही भारत का प्रतिनिधित्‍व करती हैं। इसे अपना पहला कर्तव्‍य मानती हैं।


विवाद पैदा हो गया


इसके साथ ही सानिया ने यह भी साफ किया कि यह मायने नहीं रखता कि विम्बल्डन खेल रही हैं या ओलिंपिक। हां यह सही है कि ओलिंपिक में कुछ ज्यादा देशप्रेम जुड़ा होता है क्योंकि हर कोई भारतीय ध्वज तले खेलता है। सानिया ने इसके साथ ही रियो ओलिंपिक में अपने जोड़ीदार को लेकर भी अपनी बात रखी। उनका कहना है कि इस पर फैसला करना अभी जल्दबाजी होगी कि मिक्स्ड डबल्स में उनका जोड़ीदार कौन होगा। इस खेल महाकुंभ में सर्वश्रेष्ठ संभावित टीम उतारी जानी चाहिए। उनका कहना है कि यह कौन जानता है कि तब कौन फिट रहेगा और कौन फिट नहीं रहेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सर्वश्रेष्ठ टीम उतारी जानी चाहिए। अभी उन्हें नहीं लगता कि यह इस पर फैसला करने का सही समय है। लंदन ओलिंपिक 2012 से पहले भारतीय युगल टीम के चयन को लेकर विवाद पैदा हो गया था। अलग-अलग देशों में रही

इतना ही नहीं रियो खेलों के लिए अपनी तैयारियों के बारे सानिया का कहना है कि वह अभी इन खेलों से पहले होने वाले टूर्नामेंट पर ध्यान दे रही है। वह अभी रविवार को फाइनल खेली थी। इसलिए उनका कहना है कि वह केवल उन खेलों को लेकर ही तैयारी नहीं कर रही हैं, क्योंकि वह लगातार छह सप्ताह से खेल रही हैं। पिछले तीन दिनों वह तीन अलग-अलग देशों में रही। इसके साथ ही उनका कहना था कि अन्य खेलों की तरह टेनिस खिलाड़ी चार महीने बाद होने वाले टूर्नामेंट पर अभी से ध्यान नहीं दे सकते हैं। उन्हें इतनी सहूलियत हासिल नहीं है जैसे कि अन्य खेलों में है कि चार महीने बाद होने वाली प्रतियोगिता पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। मगर जब वहां जाएंगे तो पदक जीतने के लिए अपनी तरफ से पूरा प्रयास करेंगे। मगर अभी यह उनकी प्राथमिकता नहीं है।

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Posted By: Shweta Mishra