घबराइये कि आप जानकीपुरम द्वित्तीय वॉर्ड में हैं

-भीषण गंदगी, चोक सीवर और टूटी सड़कें बन गई इलाके की किस्मत

-सुअरों के आतंक से बच्चों का खेलकूद बंद

-पार्षद से लेकर नगर निगम ऑफिसर्स तक नहीं ले रहे सुध

LUCKNOW: राजधानी की वीआइ्रपी कॉलोनियों में शुमार जानकीपुरम का द्वितीय वॉर्ड बदहाली की मार झेल रहा है। जगह-जगह गंदगी का अंबार देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह वॉर्ड राजधानी का ही हिस्सा है। आलम यह है कि नगर निगम व स्थानीय पार्षद की उदासीनता के चलते यहां विकास की रफ्तार पूरी तरह से थम चुकी है। यही वजह है कि कहीं सड़कों पर जलभराव है तो कही नालियां चोक पड़ी हैं, इलाके का ड्रेनेज सिस्टम तो ध्वस्त ही हो चुका है। बरसात के मौसम में तो जानकीपुरम द्वित्तीय वार्ड की सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो जाती हैं, नतीजतन लोगों के घरों में भी पानी भर जाता है। इतनी अव्यवस्थाओं के बावजूद नगर निगम के साथ-साथ जल संस्थान के ऑफिसर्स की नींद टूटने का नाम नही ले रही है।

सार्वजनिक सड़क बनी कूड़ाघर

जानकीपुरम द्वित्तीय वॉर्ड के सेक्टर एच में चितवन पार्क और सिकंदरपुर गांव की ढाल के बीच लगभग 500 मीटर लंबी सार्वजनिक सड़क है। सेक्टर एच की दो कॉलोनियों को जोड़ने वाली यह सड़क कूड़ाघर के रूप में तब्दील हो चुकी है। स्थानीय लोगों की मानें तो रोड का यह हाल बीते 8 साल से ऐसा ही है। इस बारे में लोगों ने स्थानीय पार्षद और नगर निगम के ऑफिसर्स से कई बार शिकायत की लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। चारों ओर फैली गंदगी और कूड़े के अंबार की वजह से एरिया में कई बार संक्रामक रोग फैल चुके हैं। लेकिन, किसी भी ऑफिसर या पार्षद के कानों पर जूं तक न रेंगी। स्थानीय निवासियों के मुताबिबक, उन लोगों ने पूर्व पार्षद कमलावती सिंह और मौजूदा पार्षद कैलाश यादव से कई बार लिखित शिकायत कर इन दिक्कतों को दूर करने की गुहार लगाई लेकिन, हर बार नतीजा सिफर ही रहा।

सुअरों का चारागाह बन गया इलाका

वॉर्ड में आने वाले सिकंदर पुर गांव निवासी रामसजीवन बताते हैं कि गांव में सुवर पालकों ने आतंक मचा रखा है। गांव में सुअर पालक भोला, बिल्ला, पुत्तीलाल व तुलसी ने सैकड़ों सुअर पाल रखी है। इनकी वजह से पूरे इलाके में गंदगी फैलती है और स्वाइन फ्लू जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा मंडराता रहता है। नगर निगम सीमा के भीतर चल रहे इस अवैध सुअर पालन की लिखित शिकायत नगर आयुक्त तक से की जा चुकी है लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। जब लोगों ने अपने स्तर से इसका विरोध करते हैं तो सुअर पालक मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। यही वजह है कि लोग न चाहते हुए भी मौन धारण कर चुके हैं। सिकंदरपुर की ज्ञानवती देवी बताती है की गांव और कॉलोनी में आसपास ही कुल पांच मंदिर हैं। आवारा घूमते सुअरों की वजह से मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन, सुअर पालकों के आतंक के आगे कोई कुछ भी बोल नहीं पाता।

सीवर चोक, जलभराव, चलने को रास्ता नही

जानकीपुरम के सेक्टर जी कॉलोनी में जगह-जगह जलभराव की समस्या बनी हुई है। कई साल से इलाके की सड़कों का जीर्णोद्धार नहीं हुआ। जिस वजह से वहां बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। इन गड्ढों में अक्सर जलभराव हो जाता है। एरिया में आने वाले अनजान शख्स जलभराव की वजह से गड्ढों की चपेट में आकर चोटिल हो चुके हैं। सीवर लाइन चोक होने की वजह से गंदा पानी लोगों के घरों के भीतर घुस जाता है। स्थानीय निवासी रमा शर्मा बताती है कि हाल में ही क्षेत्र में डेंगू से उनकी 19 साल की बेटी राधा की मौत हो गई थी। पर, इसके बावजूद एरिया की गंदगी पर न तो नगर निगम की नींद टूटी और न ही जलभराव व चोक ड्रेनेज सिस्टम पर जल संस्थान कर्मियों की।

बॉक्स

सौंदर्यीकरण को तरस रहे सार्वजनिक पार्क

नगर निगम की उदासनीता का दंश केवल रोड या कूड़े के अंबार ही नहीं झेल रहे। बल्कि एरिया के पार्क भी बुरी तरह बदहाल हैं। एरिया में नर्मदेश्वर पार्क, पायनियर पार्क, चितवन पार्क, विश्वनाथ पार्क समेत छोटे बड़े मिलाकर आधा दर्जन पार्क हैं। पर, इनकी हालत देख किसी भी प्रकृति प्रेमी का दिल पसीज उठे। आलम यह है कि इन पाकरें में से किसी की बाउंड्री वॉल टूट गई है तो कहीं दरवाजे ही गायब हैं। न तो वहां पर घास है और न ही फूलों के पौधे। दरअसल, यहां के पार्क कीचड़ भरे मैदान में तब्दील हो चुके हैं।

वर्जन

पिछले कई वषरें से चितवन पार्क के बगल की सड़क कूड़ाघर बनी हुई है पर आज तक कोई सफाईकर्मी नहीं पहुंचा। पार्षद भी कोई सुनवाई नहीं करते।

अजीत श्रीवास्तव

एरिया में सुअरों के आतंक से पूजन कार्य तक बाधित होता है। सुअर मंदिर से लेकर घरों तक में घुस जाते है। जब इसकी शिकायत सुअर पालको से की जाती है, तो वह मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।

ज्ञानवती देवी

कुछ दिन पहले सुअर मेरे घर में घुस गए। इन सुअरों ने काफी नुकसान किया। जब हमने इसकी शिकायत पुलिस से की तो पुलिसकर्मियों ने भी डपट कर भगा दिया।

भगवानदेई देवी

सड़कों पर जलभराव की समस्या बेहद गंभीर है। गड्ढों में पानी भर जाने की वजह से निकलना दूभर हो जाता है। बरसात के मौसम में तो हालात और भी बद्तर हो जाते हैं।

ओमवीर सिंह

घर के सामने बने पार्क में गंदगी का अंबार है और सीवर-नाली चोक पड़ी है। कई बार पार्षद कैलाश यादव से शिकायत के बाद भी सुनवाई नही हुई।

उमा बाजपेई

घर के बाहर सुअरों का जमावाड़ा रहता है। बीमारियों के डर से बच्चों को हम लोग खेलने नहीं भेजते। 6 महीने पहले पड़ोस में रहने वाले राजू की दो साल की बच्ची पर सुअर ने हमला कर दिया था जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

मनोहर लाल

पार्षद का वर्जन।

Posted By: Inextlive