सुप्रीम कोर्ट ने 1993 मुंबई बम ब्‍लास्‍ट केस की सुनवाई करते हुए बॉलीवुड एक्‍टर संजय दत्‍त की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने दत्‍त को पांच साल की जेल की सजा सुनाई है.


सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त को टेररिस्ट एक्टिविटीज में शामिल होने के आरोप से बरी करने के टाडा कोर्ट के फैसले को सही ठहराया लेकिन उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत प्रतिबंधित हथियार रखने और फिर सुबूत मिटाने की कोशिश करने का दोषी माना.संजय दत्त जो पहले लगभग 18 महीने जेल में बिता चुके हैं को फिर जेल जाना होगा और अपनी बाकी की सजा पूरी करनी होगी. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि दत्त इस दौरान फिल्मों की शूटिंग नहीं कर सकेंगे. उनकी साढ़े तीन साल की सजा बाकी है. कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.इसके पहले ट्रायल कोर्ट ने बॉलीवुड एक्टर को आर्म्स एक्ट के तहत छह साल की सजा सुनाई थी. हालांकि उन्हें टाडा के तहत टेररिस्ट एक्टिविटीज में शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया गया था.


याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट केस में याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार रखी है. कोर्ट ने  अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि केस में याकूब मेमन की भूमिका के बारे में कोई संदेह नहीं है.

कोर्ट ने पाकिस्तान की भूमिका पर टिप्पेणी करते हुए कहा कि इस अपराध में उसके शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता. वहीं कोर्ट ने दस अन्य की सजा को फांसी से घटाकर उम्र कैद में तब्दील कर दिया.याकूब मेमन इन हमलों का मास्टरमाइंड माने जाने वाले टाइगर मेमन का भाई है. जिसे उसने दाउद इब्राहिम की मदद से अंजाम दिया. इसके बाद दोनों ही देश से फरार हो गए. दस महीने तक चली सुनवाईसुप्रीम कोर्ट ने 1 नवम्बर 2011 से दस महीने तक लगातार चली सुनवाई के बाद इस मामले में अगस्त 2012 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 257 लोग मारे गए थे और 713 घायल हुए थे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh