पुडुचेरी की एक अदालत ने 2004 के चर्चित शंकररमण क़त्ल मामले में कांची मठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को आज बरी कर दिया गया.


जयेंद्र सरस्वती और और विजयेंद्र समेत इस मामले में कुल 23 आरोपी थे.अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. अभियुक्तों के अधिवक्ता ने बताया कि सबूत और हत्या का उद्देश्य साबित न होने के आधार पर आरोपियों को बाइज़्ज़त बरी किया है.नौ साल चले मुक़दमे के बाद पुडुचेरी के प्रधान ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सीएस मुरुगन अपना फ़ैसला सुनाया. कांची शंकराचार्य हुए गिरफ़्तार2005 में विजयेंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि तमिलनाडु का माहौल मामले की निष्पक्ष सुनवाई के लिए अनुकूल नहीं है.मामलाविजयेंद्र की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का तबादला तमिलनाडु के चेंगलपेट से पुडुचेरी की अदालत में कर दिया था.इसी साल उन्होंने सुनवाई की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध करवाए जाने की अपनी माँग को भी वापस ले लिया था.
पुडुचेरी के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देशों के बाद विशेष सरकारी अभियोजक ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष को फ़ैसले से कोई आपत्ति नहीं है.सुनवाई के दौरान 2009 से 2012 के बीच में 189 गवाहों की गवाही हुई जिनमें से 83 गवाह पलट गए थे.

Posted By: Subhesh Sharma