- स्कॉलरशिप स्कैम के मास्टरमाइंड डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर को न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

- स्कैम की जांच कर रही एसआईटी ने थर्सडे को हरिद्वार से किया था अरेस्ट

देहरादून: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में अरेस्ट किए गए जनजाति कल्याण निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर (पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी) अनुराग शंखधर को फ्राइडे को एंटी करप्शन कोर्ट में स्पेशल जज के समक्ष पेश किया गया. यहां से उन्हें 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. हाई कोर्ट से उनकी पैरवी के लिए पहुंचे आधा दर्जन वकील भी उन्हें जेल जाने से नहीं बचा पाए. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें 30 मई तक न्यायिक हिरासत में डिस्ट्रिक्ट जेल भेजा.

फेक स्टूडेंट्स को करोड़ों की स्कॉलरशिप

हरिद्वार और देहरादून में पहले बतौर समाज कल्याण अधिकारी तैनात रहे डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर पर करोड़ों रुपये की फर्जी स्कॉलरशिप बांटने का आरोप है. एसआईटी की जांच में हरिद्वार के 6 कॉलेज ऐसे पकड़े गए, जिनमें फर्जी स्टूडेंट्स के नाम पर करोड़ों रुपये स्कॉलरशिप बांट दी गई. इसी तरह दून के प्रेमनगर क्षेत्र के कॉलेजों में भी करोड़ों का घोटाला हुआ. 2012 से 2017 के बीच स्कॉलरशिप में खेल हुआ. मामले में अनुराग शंखधर की भूमिका सामने आने के बाद एसआईटी ने शंखधर के खिलाफ भ्रष्टाचार और सरकारी धन के गबन का केस दर्ज किया था.

थर्सडे को किया था अरेस्ट

थर्सडे को हाई कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए एसआईटी ने अनुराग शंखधर को हरिद्वार से अरेस्ट किया था. इस दौरान ही शंखधर ने हाई कोर्ट के आधा दर्जन वकीलों को गिरफ्तारी से बचने के लिए बुला लिया था. न तो वे शंखधर की गिरफ्तारी रोक पाए न ही कोर्ट में पेशी के बाद जेल जाने से.

एसआईटी आईओ पर उठाए सवाल

कोर्ट में पेशी के दौरान शंखधर के वकील ने एसआईटी द्वारा नियुक्त इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ)आयुष अग्रवाल पर सवाल उठाए. कहा कि मामले की जांच में शुरू से ही आयुश का कोई रोल नहीं रहा, ऐसे में उन्हें आईओ कैसे नियुक्त किया जा सकता है. साथ ही आरोपी के खिलाफ कोई एविडेंस न होने की बात भी बचाव पक्ष ने रखी. कोर्ट ने सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए शंखधर को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का फैसला सुनाया.

Posted By: Ravi Pal