भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का शुक्रवार को उनके गांव भिखीविंड में पूरे राजकीय सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार कर दिया गया. सिंह की पाकिस्‍तानी जेल में हुए हमले के बाद गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. लाहौर के जिन्‍ना हॉस्‍पिटल में आखिरी सांस लेने वाले सिंह को पंजाब पुलिस ने सलामी दी.

पत्नी सुखप्रीत कौर और बेटियों स्वप्नदीप व पूनम की मौजूदगी में सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी. उनके साथ शिरोमणि अकाली दल के एमएलए विरसा सिंह वलटोहा भी थे.

इस मौके पर कांग्रेस के वाइस प्रेसीडेंट राहुल गांधी समेत हजारों की संख्या में गांववाले और वीआईपी मौजूद थे. सरबजीत 23 साल पहले गलती से बार्डर पारकर पाकिस्तान पहुंच गया था. उनकी अंतिम यात्रा दोपहर 1.15 बजे शुरू हुई. तिरंगे में लिपटे ताबूत को अंतिम दर्शनों के लिए गवर्नमेंट स्कूल ग्राउंड में रखा गया था. 

पंजाब के चीफ मिनिस्टर प्रकाश सिंह बादल और केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री प्रणीत कौर भी इस मौक पर मौजूद थीं. पंजाब सरकार पहले ही तीन दिन के राजकीय शोक, सरबजीत की फैमिली को फाइनेंशियल हेल्प और बेटियों के लिए सरकारी नौकरी की घोषणा कर चुकी है.

पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर बादल, स्टेट कांग्रेस चीफ प्रताप सिंह बाजवा, नेशनल एससी कमीशन के वाइस चेयरमैन राज कुमार वेरका, पंजाब बीजेपी प्रेसीडेंट कमल शर्मा के अलावा विभिन्न संगठनों व राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी मौजूद थे.

लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद और सरबजीत अमर रहे के नारे लगा रहे थे. सिक्योरिटी के कड़े इंतजाम किए गए थे. अमृतसर से 36 किमी दूर बसे 11 हजार की आबादी वाले गांव में गुरुवार को सरबजीत की मौत की खबर आते ही सन्नाटा छा गया.भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का शुक्रवार को उनके गांव भिखीविंड में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. सिंह की पाकिस्तानी जेल में हुए हमले के बाद गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. 

Posted By: Garima Shukla