- गांधी उद्यान में लगा है वेलिंग्टोनिया का इकलौता पेड़

-पेड़ के औषधीय गुणों के कारण लोगों ने इसे आस्था से जोड़कर यहां बना लिया मंदिर

इंट्रो : दैनिक जागरण आई नेक्स्ट अर्थ डे के मौके पर एक खास कैंपेन डॉक्युमें'ट्री' शुरू कर रहा है. इसमें हमारे आसपास के उन पेड़ों की कहानी और जानकारी होगी, जो दुर्लभ होने के साथ खास महत्व रखते हैं. हम रोज ऐसे एक पेड़ की कहानी आपको बताएंगे. हम आपको ऐसे पेड़ों के बारे में भी बताएंगे, जिनका नाम आमतौर पर न हमने सुना है और न उन्हें देखा है. इसका मकसद पेड़ों के प्रति लोगों को जागरूक करना और उनको बचा कर रखना है.

अपील

- हमारे इस कैंपेन में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रीडर भी हिस्सा बन सकते हैं. अगर आपका किसी पेड़ से खास लगाव है तो उसके साथ एक सेल्फी लेकर हमें भेजें. साथ ही सौ शब्दों में उस लगाव का कारण भी बताएं. और अगर शहर के किसी पेड़ के बारे में आपकेपास कोई रोचक जानकारी है तो हमें फोटो के साथ भेजें, हम उसे अपने न्यूजपेपर में पब्लिश करेंगे.

- अगर किसी के घर, मोहल्ले या जानकारी में ऐसा कोई पेड़ हो, जिसके सामने उनकी कई पीढ़ी निकल गई हो तो उसके साथ भी आप सेल्फी भेज सकते हैं.

प्रोटेक्ट द स्पीशीज

अर्थ डे इस बार प्रोटेक्ट द स्पीशीज थीम के साथ मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य है पेड़ पौधों और जीवों की विलुप्त होती प्रजातियों को बचाना. खासतौर पर ऐसी प्रजातियां जो औषधीय गुणों के साथ ही वातावरण को शुद्ध करने की क्षमता रखती हों. इसी क्रम में आज हम आपको वेलिंग्टोनिया पेड़ के बारे में बता रहे हैं. जानकारों की मानें तो इस प्रजाति का शहर में यह इकलौता पेड़ है.

आस्था ने बचाए रखा

गांधी उद्यान में इस प्रजाति के दो ही पेड़ थे. एक पेड़ गांधी उद्यान के मेन गेट से एंटर करने पर दाहिनी ओर मैदान में लगा था जो देखरेख न होने के चलते सूख चुका है, जबकि दूसरा पेड़ यहां गांधी सरोवर के पास लगा है. पेड़ के औषधीय गुणों के कारण स्थानीय लोगों ने इसे आस्था से जोड़कर कई साल पहले यहां पूजा पाठ शुरू कर दिया और धीरे-धीरे यहां अब मंदिर भी बन चुका है. लोगों की इसी आस्था के चलते विलुप्त होती प्रजाति का यह पेड़ अब तक लोगों को प्राण वायु देने के साथ ही बीमारियों के इलाज में भी मदद कर रहा है.

साइंटिफिक नेम- वेलिंग्टोनिया एक्यूट एंग्यूला

लोकल नेम - समुद्र फल

पेड़ की उम्र- 50 साल से अधिक

2 पेड़ लगे थे गांधी उद्यान में

1 पेड़ देखरेख न होने से सूख गया

औषधीय गुण

-पेड़ की पत्तियों का काड़ा रक्त से जुड़ी बीमारियों के इलाज में कारगर

-बैक बोन के दर्द में भी काड़े के सेवन से मिलता है आराम

-सिफलिस और ग्यूनेरियन की बीमारी में भी लाभदायक

-पेट के कीड़े निकालने में भी काड़े का होता है इस्तेमाल

-पेट से जुड़ी बीमारियों में भी मिलता है फायदा

-मलेरिया के मरीजों के लिए भी फायदेमंद

-डायबिटीज कंट्रोल करने में भी कारगर

Posted By: Radhika Lala