Gorakhpur: अगर आप लैपटॉप का बहुत अधिक यूज करते हैं या सेलफोन पॉकेट में रखकर इयर फोन से बात करते हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि यह गैजेट्स आपको इंपोटेंट कर सकते हैं. क्योंकि बहुत से गोरखपुराइट्स इस समय लो स्पर्म काउंट की प्रॉब्लम फेस कर रहे हैं. इसके पीछे के रीजन्स जानने के लिए आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब सिटी के गाइनाकलॉजिस्ट्स से कांटेक्ट किया तो चौंकाने वाले फैक्ट्स सामने आए. उन्होंने बताया कि लोगों में फर्टिलिटी रेट कम होने के पीछे एक रीजन लैपटॉप मोबाइल और अन्य गैजेट्स का यूज भी है. आज की बदलती लाइफ स्टाइल में जिस तेजी से इन गैजेट्स का यूज बढ़ रहा है उसी तेजी से लो स्पर्म काउंट की प्रॉब्लम आ रही है. गाइनाकोलॉजिस्ट्स के अनुसार सिटी में पर मंथ लो स्पर्म काउंट के लगभग 400 केसेज आते हैं.

स्टूडेंट्स में बढ़ा लैपटॉप का यूज
लैपटॉप को घंटों गोद में रखकर यूज करना कॉमन बात है, लेकिन इसका एक बहुत बड़ा साइड इफेक्ट है। वह यह कि इससे निकलने वाली हीट से मेल्स के स्पर्म्स डेड होते हैं। स्पर्म काउंट कम होने से व्यक्ति इंपोटेंट होता है। स्टूडेंट्स में पिछले कुछ सालों में लैपटॉप का यूज काफी बढ़ा है। स्पेशली प्रोफेशनल कोर्सेज के स्टूडेंट्स में। अपने काम के साथ ही स्टूडेंट्स सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी घंटों समय स्पेंड करते हैं।
सब कुछ हो रहा ऑनलाइन
यह लैपटॉप की इंपॉर्टेंस ही है जो आज गवर्नमेंट भी इसे स्टूडेंट्स के लिए जरूरी मानती है। यही रीजन है कि स्टेट गवर्नमेंट इस समय 12वीं पास स्टूडेंट्स को फ्री लैपटॉप बांट रही है। गवर्नमेंट का मानना है कि लैपटॉप होने से स्टूडेंट्स को पढ़ाई में काफी आसानी होगी। विभिन्न यूनिवर्सिटीज के एडमिशन से लेकर एग्जामिनेशन फॉर्म और कॉम्प्टीशन्स के फॉर्म्स की बात करें तो वह भी अब ऑनलाइन ही भरे जाते हैं। जिस तेजी से हम हाईटेक हो रहे हैं उसी तेजी से लैपटॉप का यूज बढ़ता जा रहा है।
मोबाइल भी खतरनाक
मोस्टली लोग मोबाइल को जींस या पैंट की पॉकेट में रखते हैं। अक्सर ही वह इयर फोन लगाकर या तो सांग्स सुनते हैं या बात करते हैं। दोनों ही कंडीशन में मोबाइल से हीट जेनरेट होती है। यह हीट डायरेक्ट टेस्टिकल्स पर असर करती है। जिस समय मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज होने की स्थिति में होती है उस समय मोबाइल से अधिक हीट निकलती है। डॉक्टर्स की मानें तो इस हीट से स्पर्म्स डैमेज हो सकते हैं।
स्टैंडर्ड से कम मिल रहा स्पर्म काउंट
गाइनाकोलॉजिस्ट डॉ। सुरहिता करीम ने बताया कि डब्लूएचओ के अनुसार मेल्स के एक एमएल सीमेन में 20 मिलियन स्पर्म काउंट का स्टैंडर्ड है। लेकिन उनके यहां आज बहुत से ऐसे केस आते हैं जिनमें एक एमएल में सिर्फ 2 से 4 मिलियन या इससे भी कम स्पर्म्स ही मिलते हैं। इसके बहुत से रीजन्स हैं जिनमें से गैजेट्स का यूज भी बहुत बड़ा रीजन है। उन्होंने बताया कि गैजेट्स की वजह से स्पर्म काउंट में जो कमी आती है उसमें आईटी सेक्टर के बहुत से लोग हैं, क्योंकि इन लोगों में लैपटॉप आदि का यूज बहुत अधिक रहता है।
डीएनए पर भी हो रहा असर
गाइनाकोलॉजिस्ट डॉ। मधु गुलाटी के अनुसार सेलफोन्स और लैपटॉप में इलेक्ट्रो मेग्नेटिक फील्ड होती है। गैजेट्स से जो हीट निकलती है वह स्पर्म्स को डैमेज करती है या उनकी क्वालिटी को डाउन करती हैं। इसके अलावा गैजेट्स से निकलने वाला रेडिएशन डीएनए को भी एफेक्ट करता है। उसमें यह रेडिएशन बदलाव तक लाता है। यह दोनों ही चीजें फर्टिलिटी रेट को कम करती हैं। डॉ। मधु के अनुसार उनके यहां लो स्पर्म काउंट के जो पेशेंट्स आते हैं उनमें से कई की केस स्टडी में यह देखा है कि वह लोग लैपटॉप और गैजेट्स का यूज अधिक करते हैं।
लांग बाइक ड्राइव भी खतरनाक
यूथ को लांग ड्राइव बहुत अट्रैक्ट करती है लेकिन यह लांग ड्राइव भी बहुत खतरनाक है। डॉक्टर्स के अनुसार जो लोग कंटीन्यू बहुत देर तक बाइक ड्राइव करते हैं उनके स्पर्म डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। इसका रीजन है इंजन से निकलने वाली हीट। जो व्यक्ति बाइक ड्राइव करता है वह इंजन से निकलने वाली हीट के पास रहता है। ऐसे में हीट सीधे उसके टेस्टिकल्स पर एफेक्ट करती है। यह प्रॉब्लम गर्मी के मौसम में अधिक बढ़ जाती है।
हमारे यहां बहुत से केस आते हैं जिनमें पेशेंट लो स्पर्म काउंट से परेशान हैं। वैसे तो इसके रीजन बहुत हैं लेकिन लैपटॉप और मोबाइल्स का यूज भी एक बड़ा रीजन है। लोगों को चाहिए कि जितना जरूरी है उतना ही लैपटॉप और मोबाइल यूज करें।
डॉ। मधु गुलाटी, गाइनाकोलॉजिस्ट
मंथली मेरे यहां लगभग 150 पेशेंट्स ऐसे आते हैं जिनमें लो स्पर्म काउंट की प्रॉब्लम होती है। पूरे शहर की बात करें तो शायद 400 से अधिक ऐसे केसेज पर मंथ आते हैं। अक्सर ही डॉक्टर्स की कान्फ्रेंसेज में इस टॉपिक को डिस्कस किया जाता है।
डॉ। सुरहिता करीम, गाइनाकोलॉजिस्ट
फॉर योर सेफ्टी:
- जहां तक हो लैपटॉप को टेबल पर रखकर यूज करें
- अगर लैपटॉप को गोद में रखें तो नीचे कोई कुशन या पिलो का यूज करें
- मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज होने की स्थिति में हो तो पॉकेट में न रखें
- पॉकेट में मोबाइल रखकर बहुत देर तक इयर फोन से बात न करें न ही गानें सुनें
- अगर लंबी दूरी तक बाइक ड्राइव करनी है तो थोड़ी-थोड़ी दूरी पर रेस्ट लें
- जहां तक हो लूज अंडरवियर का यूज करें

 

report by : shailesh.arora@inext.co.in

Posted By: Inextlive