- सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने रविवार देर रात फांसी पर रोक का फैसला सुनाया

- डीएम के आदेश पर सुबह चार बजे ही फांसी रोकने संबंधी आदेश जेल अधीक्षक को रिसीव कराया

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Meerut: निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा पर एक सप्ताह तक के लिए रोक लगा दी गई है। फांसी रोकने का यह निर्णय रविवार आधी रात एक बजे सुनाया गया और इस आदेश की प्रति मेरठ के डीएम को तड़के पौने चार बजे फैक्स के माध्यम से भेजी गई। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सुबह चार बजे ही वरिष्ठ जेल अधीक्षक को अवगत करा दिया गया। इस तरह कोली को सात से क्ख् सितंबर के बीच लगने वाली फांसी पर फिलहाल रोक लग गई।

याचिका दायर की

सुरेंद्र कोली की ओर से सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ में रविवार को ही याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि कोली को फांसी देने के लिए सोमवार तड़के भ्.फ्0 बजे फांसी देने की पूरी तैयारी कर ली गई है। चूंकि यह एक व्यक्ति की जिंदगी और मौत से जुड़ा मामला है, इसलिए इसे वरीयता के आधार पर सुना जाए और फिलहाल कम से कम फांसी की प्रक्रिया को रोका जाए। याचिकाकर्ता की दलील पर न्यायमूर्ति दत्तू और न्यायमूर्ति दवे की खंडपीठ ने रात को एक बजे ही मामले की सुनवाई करते हुए कोली की फांसी पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी।

वकील ने साधा फोन पर संपर्क

सुरेंद्र कोली की फांसी पर रोक का फैसला दिल्ली में होते ही वकील इंदिरा जय सिंह के जूनियर सिद्धार्थ ने डीएम के मोबाइल फोन पर संपर्क साधा और एसएमएस के माध्यम से इस पूरे घटनाक्रम की सूचना दी। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच एसएमएस का आदान-प्रदान भी हुआ। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों के साथ भी प्रशासनिक अधिकारियों की वार्ता हुई।

फ्.ब्भ् बजे पहुंचा फैक्स

मौखिक सूचना से काम न बनने की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति पौने चार बजे डीएम के कैंप ऑफिस पर फैक्स की गई। इसे तत्काल एसएसपी आवास पर फैक्स किया गया और वहीं से दो सिपाहियों को फैक्स देकर जेल भेजा गया। इस बीच जिलाधिकारी की ओर से आर्डर की कॉपी लेकर एसीएम फ‌र्स्ट रामभरत तिवारी भी तड़के चार बजे वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसएचएम रिजवी के आवास पर पहुंचे और उन्हें रिसीव कराया।

चार बजे जेल में हलचल बढ़ी

सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा पर सप्ताह भर की रोक लगाने संबंधी फैसले के बाद सुबह चार बजे एकाएक जेल की हलचल बढ़ गई। जेलर आके वर्मा आवास से पहले जेल में गए और फिर वरिष्ठ जेल अधीक्षक के साथ बैठक की। इस बीच मीडिया का जमावड़ा बढ़ने लगा तो वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने फांसी पर रोक की आधिकारिक पुष्टि ब्.फ्0 बजे की।

अब क्ब् सितंबर तक फांसी पर रोक

चूंकि यह आदेश आठ सितंबर को साइन हुआ है, ऐसे में एक सप्ताह की रोक का मतलब क्ब् सितंबर तक हर हालत में कोली की फांसी पर रोक रहेगी। कानून के जानकारों का कहना है कि इस बीच सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ या तो कोली की याचिका को स्वीकार कर लेगी या फिर इसे खारिज कर देगी।

इनका कहना है

सुप्रीम कोर्ट का रात एक बजे का आदेश हमें सुबह पौने चार बजे मिला है, जिसमें कोली की फांसी पर एक सप्ताह के लिए रोक लगाने का फैसला किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप कार्रवाई सुनिश्चित करा दी गई है। कोर्ट के फैसले और आदेशों को पालन कराया जाएगा।

पंकज यादव

डीएम

मेरठ

मेरठ प्रशासन की ओर से सुरेंद्र कोली की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक सप्ताह के लिए रोक लगाए जाने संबंधी सूचना हमें सुबह चार बजे के बाद मिली है। उस पर अमल किया जा रहा है। हम आर्डर को स्टडी कर रहे हैं।

-एसएचएम रिजवी

वरिष्ठ जेल अधीक्षक

Posted By: Inextlive