डीडीयू यूनिवर्सिटी के पीजी फर्स्ट और सेकेंड इयर के 16 मेधावी स्टूडेंट्स को अब सालाना 6 हजार रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी. इसके साथ ही एंशिएंट हिस्ट्री डिपार्टमेंट के गोल्ड मेडलिस्ट्स और इसी सब्जेक्ट के पीजी में सर्वाधिक अंक पाने वाले स्टूडेंट्स को 2000 रुपए सालाना स्कॉलरशिप दी जाएगी. यह दोनों प्रपोजल ट्यूजडे को हुई एक्जीक्यूटिव काउंसिल में रखे गए जिन्हें अप्रूव कर दिया गया. मीटिंग में एक बड़ा डिसिजन यह भी हुआ कि डिग्री कॉलेजों में भी नेक्स्ट सेशन से सेमेस्टर के तहत पढ़ाई कराने को लेकर फिर से विचार किया जाना चाहिए. मीटिंग में पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में चल रहे सीनियारिटी के मामले में महाधिवक्ता की विधिक राय को मेम्बर्स से बहुमत से अस्वीकार कर दिया.


कॉलेजों में सेमेस्टर पढ़ाई पर फिर होगा विचार यूनिवर्सिटी ने इसी साल से अपने यहां पीजी में सेमेस्टर सिस्टम लागू कर दिया गया है। कॉलेज भी अपने यहां सेमेस्टर पैटर्न से पढ़ाई चाहते हैैं। ईसी की मीटिंग में इस संबंध में पूर्व में की गई एकेडमिक काउंसिल की संस्तुतियों पर विचार किया गया। इसके बाद मेम्बर्स ने यह डिसिजन लिया कि इस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। इसीलिए इस मामले को पुन: विचार के लिए एकेडमिक काउंसिल को रेफर किया गया है। अगर एकेडमिक काउंसिल कॉलेजों के फेवर में डिसिजन लेती है तो सेशन 2013-14 से यूनिवर्सिटी के साथ ही कॉलेजों में भी सेमेस्टर सिस्टम के तहत पढ़ाई होगी।

पीजी के मेधावियों को 6 हजार की स्कॉलरशिप


रजिस्ट्रार वीके सिन्हा ने बताया कि हरिद्वार के शिवानंद आश्रम इस स्कॉलरशिप को स्पांसर कर रहा है। इसके लिए आश्रम ने यूनिवर्सिटी को 12 लाख रुपए दिए हैैं। अब पीजी फर्स्ट और सेकेंड इयर के 8-8 मेधावी स्टूडेंट्स को सालाना 6-6 हजार रुपए की स्कालरशिप दी जाएगी।एशिएंट हिस्ट्री में मिलेगी स्कॉलरशिप

सागर मल्ल बंका डिग्री कॉलेज के प्रबंधक डॉ। चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने डीडीयू के समक्ष यह प्रपोजल रखा था कि एंशिएंट हिस्ट्री डिपार्टमेंट में गोल्ड मेडल और पीजी में सर्वाधिक अंक पाने वाले स्टूडेंट्स को वह स्कॉलरशिप देना चाहते हैं, जिसे मान लिया गया है। अब कॉलेज की ओर से इन स्टूडेंट्स को 2 हजार रुपए सालाना की स्कॉलरशिप दी जाएगी।सीनियॉरिटी मामले में विधिक राय अस्वीकारपॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में रीडर डॉ। विनीता पाठक और डॉ। राजेश सिंह की सीनियॉरिटी से रिलेटेड यूपी के महाधिवक्ता की विधिक राय का लिफाफा भी ईसी में खोला गया। हालांकि विधिक राय को बहुमत से अस्वीकार कर दिया गया। सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार इस राय को 8 मेम्बर्स ने अस्वीकार किया, 6 ने स्वीकार और 2 मेम्बर्स ने न्यूट्रल रिस्पांस दिया। बहुमत से निर्णय हुआ कि मामले में वरिष्ठता समिति द्वारा लिए गए निर्णय की संस्तुति को ही माना जाए।कुछ अन्य डिसिजन- इंग्लिश डिपार्टमेंट में रीडर डॉ। सुष्मिता भट्टाचार्या का प्रोमोशन अमान्य - एथलेटिक एसोसिएशन के लिए बनी नियमावली का हुआ अनुमोदन- पंडित रामकोमल द्विवेदी डिग्री कॉलेज की बीए पाठ्यक्रम की 2012-13 में संबंद्धता समाप्ति के संबंध में फाइनल डिसिजन लेने के लिए बनेगी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी

Posted By: Inextlive