- शहर में कई निजी स्कूल ने खोल रखे हैं अपने बुक स्टॉल

बरेली : निजी स्कूल संचालक पेंरेंट्स को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. कॉपी-किताबों और यूनीफॉर्म के नाम पर कमीशनखोरी का खेल लगातार जारी है. वहीं कई स्कूल ऐसे भी हैं जिन्होंने स्कूल की बिल्डिंग में या फिर आसपास अपने बुक स्टॉल भी खोल रखे हैं. इन स्कूलों में जो सिलेबस लागू है वह इनके अपने ही बुक स्टॉल पर मिलता है. मतलब साफ है कि ये स्कूल सिलेबस के नाम पर पेरेंट्स को जमकर लूट रहे हैं.

कहीं और नहीं मिलेंगी बुक्स

शहर में कई ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने स्कूल के नाम से ही अपने बुक स्टॉल भी खोल रखे हैं. पीलीभीत बाईपास रोड स्थित भारत पब्लि्क स्कूल की बिल्डिंग में ही भारत बुक डिपो के नाम से बुक स्टॉल है. स्कूल की सभी क्लासेज का सिलेबस इसी बुक स्टॉल पर मिलता है. इतना ही नहीं आसपास के कई और निजी स्कूल की बुक्स भी सिर्फ इसी बुक स्टॉल पर मिल रही हैं.

गली-मुहल्ले में खुले हैं स्कूल

शहर में करीब 1000 निजी स्कूल संचलित हो रहे हैं. इनमें से कई ऐसे स्कूल हैं जो गली मुहल्लों में हैं. इन स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या भले ही कम हो लेकिन यह लूट-खसोट कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. अपने स्कूल के आसपास दुकान इसलिए खुलवाई जाती है जिससे सिलेबस खरीद में भी कमीशन खोरी की जा सके.

पेरेंट्स की बात

1. मैंने अपने बेटे का एडमिशन अभी जल्द ही कराया है. स्कूल भी मोहल्ले से कुछ ही दूरी पर है. एडिमशन के दौरान ही स्कूल प्रबंधन ने बताया था कि पास में ही हमारी एक दुकान है जहां पूरा सिलेबस मिल जाएगा.

श्रीकांत.

2. कांवेंट स्कूल में तो बच्चों को पढ़ाना दुश्वार हो गया है. एडमिशन फीस के साथ ही बुक्स और अन्य स्कूली सामान खरीदने में कमर टूट रही है. स्कूलों का दुकानों से करार है प्रबंधन भी इन दुकानों से ही बुक्स खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है.

सुशील कुमार.

वर्जन ::

हर स्कूल को बोर्ड के आदेश को मानना चाहिए. अगर स्कूल मुनाफा कमाने के लिए पेरेंट्स पर नियत दुकान से सिलेबस खरीदने का दबाव बना रहे हैं तो यह गलत है. पेरेंट्स को फौरन शिकायत दर्ज करानी चाहिए.

दीपक अग्रवाल, सीबीएसई को-ऑर्डिनेटर

Posted By: Radhika Lala