- सिटी के प्राइवेट स्कूलों में जारी है मनमानी फीस वसूली

- मई और जून की फीस भी जमा कराने के लिए पैरेंट्स पर बनाया जा रहा दबाव

GORAKHPUR: मनमानी फीस वसूली रोकने की सरकारी कवायदों की धज्जियां सीएम सिटी में ही उड़ाई जा रही हैं। एक तरफ जहां सिटी के सभी स्कूलों में परीक्षा चल रही है तो वहीं न्यू सेशन में दाखिले की प्रक्रिया भी जोरशोर से जारी है। ऐसे में ज्यादातर स्कूल प्रदेश सरकार के फीस संबंधित नए नियमों को दरकिनार करते हुए मनमानी पर उतारू हो चुके हैं। न तो ऑनलाइन फीस शो कर रही है और न ही स्कूल प्रबंधन सरकार द्वारा बनाई गई फीस नियमावली को ही मान रहे हैं। आलम ये कि स्कूल पैरेंट्स से मई और जून की फीस भी एडमिशन फीस के साथ वसूलने से भी बाज नहीं आ रहे। वहीं जिला शुल्क नियामक समिति भी इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय सुस्त नजर आ रही है।

पैरेंट्स को थमा दे रहे नोटिस

बता दें, प्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस पर नियंत्रण के लिए जिला नियामक समिति का गठन करने का निर्देश दिया था। कमेटी का गठन गोरखपुर जिले में भी हो चुका है। इसकी बैठक भी हो चुकी है लेकिन इसके बाद भी सिटी के कुछ स्कूल्स को छोड़ दें तो ज्यादातर स्कूलों में मनमानी फीस वसूलने का खेल हर साल की तरह जारी है। पैरेंट्स की मानें तो न्यू सेशन में दाखिले की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। जनवरी में 31 मार्च तक की फीस जमा करा दी गई थी। लेकिन अब अप्रैल से जून तक की फीस जमा कराने के लिए भी नोटिस जारी कर दिया गया है। जबकि नियमानुसार मई और जून में फीस नहीं लेनी है।

ऑनलाइन नहीं की डिटेल, जारी मनमानी

जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक में समिति के सदस्यों और जिले के माध्यमिक, सीबीएसई, सीआईएससीई बोर्ड के स्कूल प्रिंसिपल्स को डीआईओएस ने शुल्क अधिसूचना के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। डीआईओएस ने निर्देश दिया था की शुल्क अधिसूचना में दिए गए प्राविधानों के तहत ही वार्षिक फीस 20,000 से अधिक शुल्क नहीं लिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्कूलों ने अपनी मनमानी दिखाते हुए एलकेजी, यूकेजी समेत प्राइमरी और जूनियर सेक्शन में दाखिले के लिए मनमानी फीस वसूलनी शुरू कर दी है। डीआईओएस ने यह भी कहा था कि अगर कोई स्कूल बीस हजार से अधिक शुल्क वसूलता है तो यह शुल्क ऑनलाइन किया जाएगा जबकि यह भी नहीं किया गया। रुस्तमपुर, तारामंडल आदि एरियाज में स्थित ज्यादातर स्कूल फीस मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।

इकट्ठे नहीं ले सकते पूरे साल की फीस

शुल्क अधिसूचना के मुताबिक, स्कूल की तरफ से ली गई फीस में पूरी डिटेल्स के साथ वार्षिक परीक्षा के पहले उसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। अगर शुल्क अधिसूचना में दिए गए प्राविधानों के तहत शुल्क नहीं लिया जाता है तो संस्थाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। शुल्क विवरण स्टूडेंट्स के प्रवेश से पहले उनके प्रॉस्पेक्टस पर अंकित होना चाहिए। शुल्क अधिसूचना में ये भी कहा गया था कि मंथली, क्वार्टली व सिक्स मंथली शुल्क लिया जाए। एक साथ पूरे वर्ष का शुल्क नहीं लिया जाएगा।

कोट्स

प्रदेश सरकार की ओर से फीस को लेकर शुल्क अधिसूचना जारी की गई थी। सोचा था कि स्कूल वाले मनमानी फीस नहीं वसूलेंगे लेकिन वे अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। डायरी, ड्रेस, एडमिशन के नाम पर मनमानी की जा रही है।

- अनीता, पैरेंट

रुस्तमपुर स्थित एक प्राइवेट स्कूल पर प्रशासन का कोई डर ही नहीं दिखाई दे रहा है। फीस की डिटेल ऑनलाइन नहीं की गई है। प्रिंसिपल से फीस संबंधी बात करो तो वह सीधे डीएम ऑफिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कहते हैं।

- अर्चना, पैरेंट

फीस में मनमानी शुरू हो गयी है। जिला प्रशासन और माध्यमिक शिक्षा परिषद को इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

- आशीष, पैरेंट

वर्जन

फीस मनमानी को लेकर शुल्क अधिसूचना बता दी गई है। अगर स्कूल वाले मनमानी फीस वसूल रहे हैं, तो पैरेंट्स सीधे मेरे कार्यालय में आकर लिखित शिकायत दर्ज कराएं। जांच कर उस स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

- ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआईओएस

Posted By: Inextlive