- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का उद्घाटन

- ज्ञान के इंजन को अपग्रेड करने पर दिया जोर

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि विज्ञान प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। हजारों साल पहले हमारे पूर्वजों ने गणित के सूत्र व शून्य की अवधारणा को उजागर कर दिया था। देश में हरित क्रांति से लेकर स्पेस प्रोग्राम तक सब हमारे वैज्ञानिकों की देन है। राष्ट्रपति कोविंद शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के उद्घाटन के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उनहोंने कहा कि अगर हमें भारत को मध्यम आय अर्थव्यवस्था वाला देश बनाना है, साथ ही इसे एक उन्नत औद्योगिक शक्ति में बदलना है तो अपने अपने ज्ञान के इंजनों को अपग्रेड करना होगा।

विज्ञान का कुंभ है फेस्टिवल

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में 12000 नव वैज्ञानिकों ने शिरकत की है। इसलिए यह समारोह विज्ञान का कुंभ मेला है। उन्होंने कहा कि यूपी हमेशा से कुंभ के लिये प्रसिद्ध है लेकिन, अब इसे विज्ञान कुंभ के लिये भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन एक वैज्ञानिक पहल है। मिशन इंद्रधनुष व आयुष्मान भारत सहित सभी योजनाएं विज्ञान से ही प्रेरित हैं। कृषि क्षेत्र में होने वाले इनोवेशन ने किसानों को बहुत राहत दी है। सिंचाई से लेकर बोआई तक हर क्षेत्र में विज्ञान ने प्रगति की है।

आम लोगों की जिंदगी हो आसान

राष्ट्रपति ने कहा कि वैज्ञानिकों का कर्तव्य है कि ऐसे आविष्कार करें जिससे आम लोगों का जीवन आसान हो। प्राइम मिनिस्टर रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम ने भी लोगों को अपना टैलेंट निखारने का मौका दिया है। देश को आगे ले जाने में विज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, लेकिन यह स्कूलों की प्रयोगशालाओं, विश्वविद्यालयों और रोजमर्रा की गतिविधियों में विज्ञान का उपयोग करके व एक जन आंदोलन के बिना संभव नहीं होगा।

तकनीक में भारत का अहम स्थान

केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी व जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने कहा कि नैनो तकनीक में भारत पूरे विश्व में तीसरे नंबर पर है। सुनामी अर्ली वार्निग सिस्टम बनाने वाला भारत पहला देश है। साइंटिफिक पब्लिकेशन में हमारा नंबर छठा है। हमने रिकॉर्ड 104 सेटेलाइट छोड़े हैं। मंगल मिशन को पहले प्रयास में सफल करने वाला भारत पहला देश है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि वर्ष 2030 में इंडिया सर्वश्रेष्ठ तीन वैज्ञानिक देशों में अपना स्थान बनाए। वहीं, राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि विज्ञान ने हमारा जीवन सुंदर व आसान बनाया है। इस मौके पर डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा समेत कई अन्य लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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'हमारे वैज्ञानिकों ने दुनिया को राह दिखाई'

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परंपरागत ज्ञान व मेधा का उपयोग करते हुए हम मानवता का कल्याण कर सकते हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने दुनिया को राह दिखाई। जब भी प्राचीन ग्रंथों की बात होती है तो हमारा ऋगवेद का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत को जो पहचान मिली है वह ज्ञान व विज्ञान की देन है। सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री डॉ। हर्षवर्धन का इस समारोह को लखनऊ में आयोजित करवाने के लिए धन्यवाद दिया।

Posted By: Inextlive