Bareilly : इंडियन वेटेरिनेरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की 8वें कॉनवोकेशन सेरेमनी में एक्सपट्र्स ने माना कि अब साइंटिस्ट्स के साथ-साथ टेक्नोक्रेट्स को भी बढ़ावा देने की जरूरत है. ट्यूजडे को ऑर्गनाइज सेरेमनी में यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर शरद पवार किसी कारणवश शिरकत नहीं कर पाए. वे बतौर चीफ गेस्ट इंवाइटेड थे. उनकी गैरमौजूदगी की वजह से कॉनवोकेशन एक घंटा पहले ही स्टार्ट हो गया. उनके स्थान पर इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च आईसीएआर के डायरेक्टर व डेयर के सेक्रेट्री डॉ. एस अय्यपन ने अध्यक्षता के साथ सेरेमनी में चीफ गेस्ट की भूमिका अदा की. उन्होंने अपने प्रेसिडेंशियल अड्रेस में रिसर्च स्कॉलर्स मेडलिस्ट और साइंटिस्ट्स को रूरल एरियाज की तरफ रुख करने को कहा. उन्होंने बताया कि देश में करीब 80 परसेंट छोटे किसान हैं और करीब 60 करोड़ की आबादी खेती पर निर्भर है.


Technology की तरफ कदमवेटेरिनेरी रिसर्च की फील्ड में आईवीआरआई का वल्र्ड लेवल पर एक अच्छा मुकाम है। लेकिन अब यह इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी डेवलप करने की फील्ड में भी तेजी से कदम बढ़ा रहा है। डॉ। अय्यपन ने बताया कि आईवीआरआई ने टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट के एरिया को भी लीड करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड की हेल्प से टेक्नोलॉजीज को कॉमर्शिलाइज्ड किया जा रहा है। इससे रिसर्च एंड डेवलपमेंट में टेक्नोलॉजी की मदद से क्वालिटी सुधार लाया जा सकेगा, जो एग्रीकल्चर फील्ड को और प्रोडक्टिव बनाने में हेल्पफुल होगा। इसके लिएऐसे टेलैंट का वेलकम हैं, जिनके पास इनोवेटिव आईडियाज हैं और जो इन्हें बिजनेस वेंचर्स में कंवर्ट कर सकें।699 को मिली degree
कॉनवोकेशन सेरेमनी में 699 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। इसमें से पीएचडी के 223 और एमवीएससी के 476 स्टूडेंट्स शामिल रहे। वहीं 12 टीचर्स को उनके विशेष योगदान के लिए बेस्ट टीचर अवार्ड से नवाजा गया। इसके अलावा पीएचडी और एमवीएससी के 12-12 स्टूडेंट्स को गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल से सम्मानित किया गया। वहीं 4 को डॉ। एसके तालपत्रा और 3 को डॉ। सीएम सिंह अवार्ड से नवाजा गया। इससे पहले डॉ। अय्यपन ने शताŽिद स्तंभ और बीएसएल थ्री लैका इनॉग्रेशन करते हुए बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट का निरीक्षण भी किया। इस ऑकेजन पर आईवीआरआई के डायरेक्टर प्रो। गया प्रसाद, सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, प्रो। केएमएल पाठक, डॉ। अरविंद कुमार, डॉ। त्रिवेणी दत्त, कुंदन सिंह मौजूद रहे।Enterpreneur तैयार कर रहा IVRIडॉ। अय्यपन ने बताया कि एग्रीकल्चरल फील्ड का ट्रेंड अब बदल रहा है। आईटी फील्ड के कई टैलेंटेड लोग इस तरफ रुख कर रहे हैं। आईसीएआर की स्कीम एग्री इनोवेटिव इंडिया के तहत इनोवेटिव आइडियाज वाले स्टूडेंट्स को एंटरप्रिन्योर के रूप में तैयार किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी को कॉमर्शिलाइज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि करीब 21 टेक्नोलॉजीज को 39 कॉमर्शियल हाउसेस और इंटरप्रिन्योर के रूप में कॉमर्शिलाइज्ड किया जा चुका है। वहीं 4 को पेटेंट मिल चुका है, जबकि 69 एप्लीकेशंस पेटेंट के लिए पेंडिंग हैं। इनमें से 2 पीसीटी और 10 डिजाइन हैं।

Posted By: Inextlive