- विधायक ने तहसील प्रशासन को सुनाई खरी-खरी

- 1.80 करोड़ की राशि डंप होने के बाद भी वितरण नहीं

FATEHPUR: अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर शासन से मिलने वाली सहायता राशि किसानों के खाते में भेजने के काम में हो रही देरी पर जहानाबाद विधायक मदन गोपाल वर्मा को किसानों ने घेर लिया। किसानों की बात सुनकर विधायक सभी को साथ लेकर एसडीएम, तहसीलदार के पास पहुंचे। कहा कि फतेहपुर-खागा तहसील में किसानों को पैसा मिल गया है तो फिर यहां क्यों नहीं मिल रहा। इस मामले में लापरवाही ठीक नहीं है।

गौरी प्रधान कमालुद्दीन सोमवार को मुआवजा न मिलने को लेकर किसानों के साथ तहसील आए। कोरवां के निसार अहमद, रिठवां के अमर सिंह सहित अन्य किसानों ने विधायक को देखा तो उनको घेरकर मुआवजे की चेक न मिलने की बात बताई। इस पर विधायक ने कहा इसी कारण से आया हूं, चलिए अभी बात करता हूं। विधायक ने एसडीएम शिव प्रसाद से मुआवजा मिलने में देरी का कारण पूछा। कहा इसे जल्दी कराइए। एसडीएम ने कहा तहसीलदार को लगाया गया है। इस विधायक किसानों के साथ ही तहसीलदार दूधनाथ यादव के पास पहुंचे। विधायक ने पूछा सदर व खागा में मुआवजा किसान पा रहे हैं तो फिर ¨बदकी में क्यों नहीं। जल्दी कराइए, इस पर तहसीलदार ने सभी कानूनगो को बुलाया और शासन की तय समायावधि में किसानों के खातों में पैसा देने की बात कही।

एसबीआई से हटा ग्रामीण बैंक में डाली पूंजी

¨बदकी तहसील में किसानों के नुकसान को लेकर शासन से भ् करोड़ 77 लाख फ् हजार भ् सौ रुपए की मांग की गई थी। इसके सापेक्ष शासन ने ¨बदकी तहसील को एक करोड़ 80 लाख रुपए की मदद दी है। जो किसानों को दी जानी है। एसडीएम शिव प्रसाद ने बताया कि स्टेट बैंक ने किसानों के खाते में मुआवजे की धनराशि शासन के तय समय पर डालने से हाथ खड़े कर दिए थे, इस कारण अब बड़ौदा ग्रामीण बैंक में मुआवजे की धनराशि को भेज दिया गया है। वहां से किसानों का पैसा समय पर पहुंचेगा। हालांकि विधायक मदन गोपाल वर्मा के तहसील पहुंचे और मुआवजे को लेकर अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाने के बाद आनन-फानन में स्टेट बैंक से धनराशि को हटाकर बड़ौदा ग्रामीण बैंक भेज दिया गया। ताकि समय पर धनराशि का वितरण हो सके।

ऐसा कुछ नहीं है : प्रबंधक

एसबीआई के शाखा प्रबंधक अम्बरीश अवस्थी ने बताया कि ऐसा कोई मामला नहीं है। वितरण के लिए हमने मना नहीं किया, अगर किसी के पास ऑन रिकार्ड कुछ है तो दिखाए। किसानों को पैसा दिया जाना है, दूर-दूर से किसान यहां कहां आएंगे। किसी को पैसा देने से हम क्यों मना करेंगे। वह तो खाता तहसील का है जिससे चाहे वितरण कराएं।

Posted By: Inextlive