RANCHI : रिम्स कैंपस में मरीज और उनके परिजन का तो माल चोर उड़ा ही रहे हैं, लेकिन अब वे हॉस्पिटल के लाखों रुपए के स्क्रैप को भी निशाना बना रहे हैं। खास बात है कि रिपेयरिंग के नाम पर पंखे, कॉपर कॉयल और स्क्रैप की चोरी हो रही है, लेकिन किसी तरह की सतर्कता नहीं बरती जा रही है। जब रिम्स प्रशासन को सामानों की चोरी किए जाने की जानकारी मिली तो काफी विलंब से इसकी छानबीन के लिए अधिकारी आइसोलेशन वार्ड के बगल में बनाए गए स्क्रैप सेंटर पहुंचे, लेकिन चोर फरार हो चुके थे। ऐसे में सहज ही समझा जा सकता है कि हर साल लाखों रुपए सिक्योरिटी में खर्च करने के बाद भी रिम्स कैंपस में चोरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है।

कुछ पंखे दिखाकर आईवॉश

आइसोलेशन वार्ड के बगल में ही कई दिनों से रिपेयरिंग के नाम पर काम चल रहा था। पूछने पर रिम्स के स्टाफ्स को बताया जाता था कि पंखे की रिपेयरिंग का काम चल रहा है। जहां जरूरत पड़ेगी तो पंखा लगा दिया जाएगा। लेकिन, जब अधिकारी जांच के लिए पहुंचे तो न पंखा मिला और न ही पंखे से निकाला गया कॉयल। वहीं ठेकेदार ने कुछ खराब पड़े पंखों को दिखाकर खानापूर्ति करने की कोशिश की गई। इसके बाद डीएस ने ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई। साथ ही काम कर रहे सभी स्टाफ्स की डिटेल मांगी गई है। वहीं जितने भी पंखे हॉस्पिटल से निकाले गए है उसका भी ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया।

कैसे चोरी को दिया जा रहा अंजाम

1-मिनटों में पंखे कर दिए गायब

रिम्स परिसर के स्क्रैप सेंटर में जब चोरी की बात सामने आई तो मिनटों में ही वहां से बचा हुआ माल भी गायब कर दिया। दरअसल, यहां पांच लोग बैठकर आइसोलेशन वार्ड के बगल में पंखे की रिपेयरिंग कर रहे थे। जहां पंखों का कॉयल निकालकर एक कार्टून में जमा किया जा रहा था। जैसे ही इसकी खबर अधिकारियों को दी गई तो वहां से मिनटों में ही सारा सामान गायब हो गया। वहीं, एक भी स्टाफ वहां नजर नहीं आया।

2-500 रुपए केजी बेच दिया कॉपर कॉयल

हॉस्पिटल में 65 साल पुराने पंखे लगे थे। जब कुछ पंखों में गड़बड़ी की शिकायत मिली तो प्रबंधन ने उन पंखों को हटाकर नए पंखे लगाने का आदेश दिया। इस दौरान नए पंखे लगाने का काम भी शुरू हो गया। जिसमें पुराने पंखे का वजन लगभग 30 किलो था और उसमें कॉयल का वजन 12-13 किलो। ऐसे में एक-एक पंखे से कॉयल काटकर निकाला जा रहा था। वहीं कई पंखे से इतना ही नहीं कॉयल निकालने के बाद पंखे को बंद भी कर दिया जा रहा था ताकि किसी को पता न चल सके। बताते चलें कि स्क्रैप में कॉपर की कीमत 500 रुपए किलो है।

3-डेंटल कॉलेज के पीछे से स्क्रैप गायब

रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी कैंपस में डेंटल कॉलेज के पीछे भी हॉस्पिटल का स्क्रैप रखा गया था। लेकिन धीरे-धीरे उसपर भी चोरों ने स्टाफ्स की मिलीभगत से हाथ साफ कर दिया। आज स्थिति यह है कि वहां पर नहीं के बराबर स्क्रैप बचा है। इतना ही नहीं हॉस्पिटल से एल्युमिनियम स्क्रैप भी निकाला गया था। जिसके बारे में भी किसी को जानकारी नहीं कि उसे कहां ले जाया गया। इसकी खबर भी रिम्स के अधिकारियों को कई बार दी गई लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।

Posted By: Inextlive