प्राधिकरण के लगातार नोटिस को नजरअंदाज कर रहे दौराला महायोजना के बिल्डर पहुंचे हाईकोर्ट

ग्रीन बेल्ट में बनी 16 अवैध कॉलोनियों का तत्कालीन प्राधिकरण अधिकारियों ने पास कर दिया था नक्शा

Meerut। मेरठ विकास प्राधिकरण की 41.89 करोड़ की वसूली पर पेंच फंस गया है। सभी 11 बिल्डर वसूली नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए हैं। जहां प्रकरण की इसी हफ्ते में सुनवाई की संभावनाएं हैं। एमडीए ने अपना पक्ष हाईकोर्ट के समक्ष रख दिया है। बिल्डर्स सभी 16 कॉलोनियों के एमडीए द्वारा अप्रूव्ड नक्शों को लेकर कोर्ट पहुंचे हैं तो वहीं एमडीए ने सरकार के आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट और मौजूदा स्थिति कोर्ट के समक्ष रखी है।

16 कॉलोनियों को नोटिस

दौराला महायोजना में ग्रीन बेल्ट पर अवैध कॉलोनियों के निर्माण के प्रकरण में शासन के आदेश के बाद प्राधिकरण ने 16 अवैध कॉलोनियों को नोटिस जारी किया था। शासन ने पूर्व में इन कॉलोनियों के जारी नक्शों को वैधता प्रदान करने के लिए लैंडयूज चेंज कराने की शर्त रखी थी। जिसके बाद एमडीए ने लैंडयूज चेंज के लिए सभी 11 बिल्डर्स को मौजूदा सर्किल दरों के आधार पर नोटिस दिया था। वहीं दूसरी ओर तथ्यों को नजरअंदाज कर अवैध नक्शे पास करने में प्राधिकरण के 12 अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट एमडीए वीसी द्वारा सरकार को सौंप दी गई है, शासन स्तर पर कार्रवाई लंबित है।

मंजूरी बिना पास किए थे नक्शे

विस्तारित, दौराला महायोजना-2021 को शासन से मंजूरी मिले बिना ही अधिकारियों ने बिना लैंडयूज परिवर्तन कराए एग्रीकल्चर लैंड में ही 16 कालोनियों के मानचित्रों को स्वीकृति दे दी। आरोप है कि निजी स्वाथरें की पूर्ति के लिए इससे राजस्व को करोड़ों रुपए की चोट पहुंचाई गई। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड गाजियाबाद की तत्कालीन आयुक्त कल्पना अवस्थी ने 2014 में आपत्ति की लेकिन बाद इसके एनएच-58 के दोनों तरफ की ग्रीन बेल्ट को खत्म करने की कोशिश की गई। दौराला महायोजना को लेकर 130 से ज्यादा आपत्तियां भी आईं और यह मामला हाई्रकोर्ट तक चला गया। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव सहित छह अधिकारियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा। जिसके बाद मानचित्रों को स्वीकृत करने के खेल पर ब्रेक लगा। वर्ष 2003 से दौराला महायोजना विवादों में घिरी हुई थी।

जारी किए थे नोटिस

हाल ही में शासन में प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने प्राधिकरण को पत्र लिखकर इन कॉलोनियों के मानचित्र को सशर्त मंजूरी दी थी। प्रमुख सचिव के निर्देश पर एमडीए सचिव राजकुमार ने सभी 11 बिल्डर्स को लैंडयूज चेंज कराने के शुल्क के तौर पर 41.80 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था। शासन ने लैंडयूज एग्रीकल्चर से रेजीडेंशियल में चेंज कराने के निर्देश दिए थे। प्राधिकरण ने एक के बाद एक नोटिस जारी किए तो वहीं सभी बिल्डर्स नोटिस लेकर हाईकोर्ट चले गए हैं।

दौराला महायोजना में 11 बिल्डर्स के खिलाफ 41.89 करोड़ रुपए के वसूली नोटिस जारी किए गए थे। बिल्डर हाईकोर्ट चले गए हैं। इसी सप्ताह केस में सुनवाई है। शासन के निर्देशों के साथ प्राधिकरण की ओर से हाईकोर्ट में जबाव दाखिल कर दिया गया है।

राजकुमार, सचिव, मेरठ विकास प्राधिकरण

Posted By: Inextlive