- अगस्त में देहरादून में आयोजित होगा हेलीकॉप्टर कॉन्क्लेव

>DEHRADUN: टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए वाटरड्रोम की स्थापना के लिए राज्य सरकार, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच एमओयू पर साइन हुए। दावा किया गया है कि वाटर ड्रोम की स्थापना के लिए एमओयू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला स्टेट बना है। बताया गया है कि वाटरड्रोम की स्थापना ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तरह की जाएगी। इसी दौरान पिथौरागढ़ के नैनी-सैनी में हवाई सर्विसेस के लिए सफल संचालन के लिए भी सीएनएस-एटीएम एमओयू पर भी साइन हुए। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से अगस्त माह में फिक्की के सहयोग से देहरादून में हेलीकाप्टर काून्क्लेव का आयोजन किया जाएगा।

उत्तराखंड पहला राज्य बना

वेडनसडे को टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन की दिशा में नई शुरूआत हुई। सचिवालय में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत की मौजूदगी में टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए वाटरड्रोम की स्थापना के लिए सिविल एविएशन मिनिस्ट्री, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व स्टेट गवर्नमेंट के बीच एमओयू पर साइन हुए। बताया गया है कि उत्तराखंड वाटर ड्रोम की स्थापना करने वाला पहला स्टेट होगा। ऐसे ही पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के संचालन के लिए भी सीएनएस-एटीएम (कम्यूनिकेशन, नेवीगेशन, सर्विलांस एंड एयर ट्रैफिक मेनेजमेंट सर्विसेज) एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए। सीएम ने एमओयू पर खुशी जताते हुए केंद्र सरकार का आभार जताया और टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए बड़ी शुरुआत करार दिया।

- इससे टिहरी में टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा।

- टूरिज्म एक्टिविटीज में होगी बढ़ोत्तरी।

- टूरिज्म कारोबारियों को मिलेगा लाभ।

- टिहरी की पहचान प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर बनी।

- टिहरी झील के निकट 2.5 हेक्टेयर भूमि का चयन

- वाटरड्रोम की स्थापना ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तरह होगी।

- योजना के तहत संचालित होने वाली हवाई सेवाओं के लिए एटीएफ पर वैट की दर को घटाकर 1 प्रतिशत किया गया।

पहली बार वाटरड्रोम पर एमओयू साइन

सीएम ने कहा कि पिथौरागढ़ स्टेट का दूरस्थ क्षेत्र है। जिसका सामरिक महत्व भी है। नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के संचालन से टूरिस्ट के साथ ही स्थानीय लोगों को भी सुविधा मिलेगी। सरकार ने पहले ही पिथौरागढ़ में 50 हेक्टेयर में ट्यूलि गार्डन बनाने का फैसला लिया है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की संयुक्त सचिव उषा ने बताया कि यह एमओयू केंद्र सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण है। वाटरड्रोम के लिए पहली बार किसी राज्य के साथ एमओयू हुआ है। उड़ान योजना के क्रियान्वयन में सीएम ने खास दिलचस्पी दिखाई। स्टेट में हवाई सर्विसेस के विस्तार को हमेशा हेल्प मिलती रहेगी। उड़ान योजना में एयरपोर्ट डेवलपमेंट की लागत का शत-प्रतिशत केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा।

जौलीग्रांट टर्मिनल की क्षमता अब 1800 होगी

ज्वाइंट सेक्रेटरी ऊषा ने बताया कि स्टेट में 13 हेलीपोर्ट डेवलप किए जाने हैं। इनमें से 10 की डीपीआर दे दी गई है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को भी डेवलेप किया जा रहा है। इसके टर्मिनल की क्षमता को 150 से बढ़ाकर 1800 किया जाएगा। अगस्त महीने में फिक्की की हेल्प से देहरादून में हेलीकॉप्टर कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। उन्होंने पवन हंस की ओर से सीएसआर के तहत शिक्षा के क्षेत्र में 60 लाख रुपए की सहयोग राशि दिए जाने की बात भी कही। स्टेट के सिविल एविएशन सेक्रेटरी दिलीप जावलकर ने बताया कि केंद्र ने उड़ान योजना के तहत सी-प्लेन संचालन के लिए टिहरी झील को सिलेक्ट किया है। योजना के तहत वाटरड्रोम की स्थापना व हवाई सेवाओं के संचालन के लिए केंद्र, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया व स्टेट गवर्नमेंट के मध्य त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।

Posted By: Inextlive