JAMSHEDPUR: अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही शहर में बननेवाले दूसरे मरीन ड्राइव का काम शुरू हो जाएगा। पथ निर्माण विभाग ने इसे बनाने के लिए टाटा कंपनी से एनओसी मांगी थी, लेकिन अभी तक कंपनी ने इस बारे में कुछ नहीं बताया। पथ निर्माण विभाग के मुताबिक अगर एनओसी मांगने के एक महीने के अंदर टाटा स्टील के एनओसी नहीं देने पर भी मरीन ड्राइव का निर्माण शुरू हो जाएगा। पथ निर्माण विभाग ने 27 मई के आसपास टाटा स्टील से एनओसी मांगी थी। शास्त्रीनगर में खरकई नदी किनारे सात करोड़ रुपए की लागत से मरीन ड्राइव का निर्माण होना है।

कंपनी ने लिखा था लेटर

टाटा स्टील ने पत्र लिख कर जिला पथ निर्माण विभाग को सड़क निर्माण शुरू करने से पहले कंपनी से एनओसी लेने को कहा था। इसके बाद 27 मई के आसपास पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार ने टाटा स्टील को पत्र लिख कर एनओसी की मांग की थी। लेकिन, जवाब नहीं आने पर उन्होंने डीसी अमित कुमार को इस मामले से अवगत कराया। सड़क खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय का ड्रीम प्लान है इसलिए उन्होंने भी इस मुद्दे पर जिला प्रशासन से बात की। इसके बाद कुछ दिन पहले इस मुद्दे पर हुई बैठक में उपायुक्त ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया है कि वो एनओसी मांगे जाने की तारीख से एक महीने तक इंतजार करें। अगर टाटा स्टील एनओसी नहीं देती है तो दूसरी मरीन ड्राइव का निर्माण शुरू कर दें।

मंत्री ने किया था शिलान्यास

शास्त्रीनगर में खरकई नदी किनारे पुल के करीब से टॉल ब्रिज तक 2.55 किलोमीटर लंबी मरीन ड्राइव बनाई जानी है। ये सड़क अलकोर होटल के करीब से शुरू होकर जयप्रभा अपार्टमेंट के पास कदमा-शास्त्रीनगर पथ में मिल जाएगी। सड़क बाल्डविन स्कूल के पास टॉल ब्रिज तक बननी है। सड़क निर्माण का ठेका देवघर के ठेकेदार मनोज सिंह को मिला है। 30 अप्रैल को खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने इस सड़क का शिलान्यास किया था। इस सड़क से कंपनी की ट्रकें व ट्रेलर शहर से बाहर होते हुए मुख्य मरीन ड्राइव पर पहुंच जाएंगे।

जांच में जयप्रभा का दावा झूठा

जयप्रभा अपार्टमेंट के निवासियों ने प्रस्तावित सड़क की कुछ जमीन पर अपना दावा ठोका था। एसडीओ ने 22 मई को जांच की तो अपार्टमेंट का दावा गलत साबित हुआ। 23 मई को टाटा स्टील के कारपोरेट प्रशासन के चीफ रितुराज सिन्हा ने बिना एनओसी काम शुरू करने पर एतराज जता सड़क निर्माण में अड़चन पैदा कर दी।

हमने टाटा स्टील से एनओसी मांगी थी, लेकिन अब तक कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। तय हुआ है कि अगर एनओसी मांगने की तारीख से एक महीने में टाटा स्टील कोई जवाब नहीं देती तो माना जाएगा कि उसे कोई एतराज नहीं है। सड़क का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

-संजय कुमार, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, पथ निर्माण विभाग

Posted By: Inextlive