आज सिटी के कॉलेजेज में स्टूडेंट्स के लिए उनकी सिक्योरिटी पढ़ाई की क्वालिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और टीचर्स की रेगुलेरिटी ही सबसे बड़ा इश्यू है.


अगर किसी कॉलेज में ये सब चीजें मिल जाएं तो कहने ही क्या, लेकिन इनमें से दो-तीन गुण भी मिल जाएं तो भी वहां दाखिले के लिए लंबी लाइनें लग जाती हैं। कुछ कॉलेजेज, जिनमें इंप्रूवमेंट देखने को मिला, उनमें से एक है आर्डिनेंस एक्वीपमेंट फैक्ट्रीज द्वारा एडमिनिस्टर्ड अर्मापुर पीजी कॉलेज.

Union not allow  

अर्मापुर स्टेट के सिक्योर एनवायरमेंट में स्थापित मात्र 33 साल पुराने इस कॉलेज को हमेशा से ही शांत एटमॉसफियर और सख्त डिसीप्लिन के लिए पसंद किया जाता है। शांत माहौल इसलिए है कि इस कॉलेज में शुरू से ही स्टूडेंट यूनियन एलाउड नहीं है। इसे खूबी कहें या स्टूडेंट्स के अधिकारों की अनदेखी, पर कॉलेज से गुडागर्दी और हंगामे की खबरें नहीं आतीं। देश भर में स्थित 36 आर्डिनेंस एक्विपमेंट फैक्ट्रीज में ये एक मात्र डिग्री कॉलेज है.

बात है quality की

कॉलेज के बोर्ड ने इसी साल से जबर्दस्त क्वालिटी कंट्रोल शुरू कर दिया है। यूनिवर्सिटी ने कॉलेज में बीए की भले ही 840 सीटें और और बीकॉम की 240 सीटें दे रखी हों, लेकिन यहां के मैनेजमेंट ने सीटें खुद से घटा दी हैं। कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डॉ। एमपी सिंह ने बताया कि मैनेजमेंट बोर्ड ने 80 स्टूडेंट पर एक टीचर से ज्यादा का रेशियो नहीं रखने का निर्णय लिया और बीकॉम में 240 के बजाए केवल 160 ओर बीए में मैक्सिमम केवल 480 ही दाखिले लेने का आर्डर दिया। ये सब पढ़ाई की क्वालिटी बरकरार रखने के लिए किया गया। मेनेजमेंट नहीं चाहता कि ओवक्राउडिड क्लास में स्टूडेंट को कोई दिक्कत आए.    

नहीं होगी class miss

कॉलेज में हाल में ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर लाखों रुपए खर्च किए गए हैं। नया चमचमाता मल्टीपरपज ऑडिटोरियम बना है। इसमें ओवरहेड प्रोजेक्टर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक एक्वीपमेंट्स लगे हैं। वहीं कॉलेज के रूम नंबर 2 में कंप्यूट्राइज्ड बोर्ड, ओवरहेड कैमरे और प्रोजेक्टर आदि इंस्टॉल करके टीचिंग सिस्टम को फुली कंप्यूट्राइज्ड कर दिया गया है। अब टीचर्स इस एक रूम में लेक्चर देकर पूरे कॉलेज की हर क्लास को पढ़ा सकते हैं। वहीं लेक्चर्स को हमेशा के लिए ऑडियो-विडियो फार्मेट में रिकार्ड किया जा सकता है। इतना ही नहीं, लॉगिन पर एक्सेस लेकर टीचर घर से बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पढ़ा सकते हैं। कुल मिलाकर छुट़्टी पर जाने, बाहर होने पर भी स्टूडेंट्स की क्लास मिस नहीं होगी। वहीं क्लासेज में मल्टीमीडिया से, कॉलर माइक लगाकर टीचर्स पढ़ाएंगे। बिना आई कार्ड कॉलेज में एंट्री ने दी जाती है। आर्डिनेंस फैक्ट्रीज के इंप्लॉइज के बच्चों की संख्या ज्यादा होने से कॉलेज के 3 हजार स्टूडेंट्स में गजब की विविधता देखने को मिलती है.  कॉलेज के कल्चरल फेस्ट ‘उत्कर्षणीय’ तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.

Posted By: Inextlive