Meerut: मेडिकल कॉलेज में यूं तो कई छोटी-बड़ी घटनाएं घट चुकी हैं मगर यहां इमरजेंसी में मर्डर के बाद भी बदलाव नहीं आया. सुरक्षा के अभाव में ही यहां लगातार घटनाएं होती जा रही हैं और शायद आगे भी होती रहेंगी.


आखिर क्यों नहीं सुरक्षामेडिकल कॉलेज परिसर में ही थाना मौजूद है। मगर इसके बावजूद भी यहां लगातार घटनाएं होती ही रहती हैं। इन घटनाओं में सिर्फ डॉक्टर और मरीज के बीच की झड़प ही शामिल नहीं हैं। इन घटनाओं में हत्या, हत्या के प्रयास, रेप और मर्डर के बाद लाश को परिसर में फेंकने, कैदियों के भाग जाने जैसे कई मामले शामिल हैं। मगर इन सबके बावजूद भी यहां सुरक्षा इंतजामात के बारे में नहीं सोचा जाता।नहीं लगते कैमरे


मेडिकल कॉलेज परिसर में घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। इन घटनाओं से सबक लेते हुए यहां पर सीसीटीवी कैमरा तक नहीं लगाए गए हैं। जबकि ये कैमरा काफी हद तक सुरक्षा एजेंसी की तरह ही काम करता है। जब लोगों को पता चलता है कि जिस परिसर में वो घुस रहे हैं वहां कैमरे लगे हैं तो किसी भी तरह की घटना को अंजाम देने से पहले व्यक्ति जरूर सोचेगा। मगर ऐसा नहीं होता। एक लंबे समय से इस मुद्दे पर विचार तो किया जाता है, मगर इसे इम्प्लीमेंट नहीं किया जाता। पकड़ी जाएगी चोरी

सीसीटीवी कैमरा न लगाने की बस एक ही वजह समझ में आ रही है कि अगर हर जगह कैमरा लगे होंगे तो स्टाफ के लिए टाइम पर ड्यूटी तक पहुंचना जरूरी हो जाएगा और कैमरे की वजह से इस बात पर भी पूरी नजर रखी जा सकेगी कि कौन कितने बजे आया और कितने बजे गया। इससे इतर लापरवाही और देर से इलाज मिलने के आरोपों के पीछे का सच भी सामने आ जाएगा।यहां अक्सर होता है हंगामा 29 मार्च 2013 - मेडिकल कॉलेज में महिला स्टाफ नर्स ने कर्मचारी नेता विपिन त्यागी पर इमरजेंसी वार्ड में छेड़छाड़ और अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ और नर्सों ने जुलूस निकालकर प्रिंसीपल का घेराव किया। काफी हंगामे के बाद विवाद सुलझा।5 सितंबर 2012 -मेडिकल कॉलेज में इंटर्न डॉक्टर से मारपीट के बाद जमकर बवाल हुआ। मारपीट के आरोप में दो युवकों को पकडक़र पिटाई की गई। सूचना पर बीच-बचाव में आए उसके एक भाई को भी डॉक्टरों ने दौड़ा दिया। डॉक्टरों ने पुलिस के सामने ही युवकों को पीटा। किसी तरह सीएमएस और पुलिस ने युवकों को उनके चंगुल से छुड़ाया।

23 सितंबर 2011 - मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर ने स्टूडेंट को थप्पड़ मार दिया। इसे लेकर साथी स्टूडेंट्स ने हंगामा किया। सीएमएस ने विभागाध्यक्ष को घटना की जांच के निर्देश दिए। मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग के अन्तर्गत संचालित एक्सरे टेक्नीशियन कोर्स के स्टूडेंट रोहित की जूनियर डॉक्टर शहजाद तू-तू, मैं-मैं हो गई। 6 फरवरी 2011- मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों ने एडीएम फाइनेंस आभा गुप्ता के बेटे और उसके एक साथी को बंधक बनाकर नंगा करके पीटा। आरोप है कि मेन गेट पर हंगामे के बाद दोनों को उठाकर ब्वायज हॉस्टल में बंधक बना लिया गया। सूचना पर एडीएम फाइनेंस खुद मौके पर पहुंची और बेटे को पुलिस की मदद से बचाया। हालांकि दूसरी ओर एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने उन पर लड़कियों को छेड़ने का आरोप लगाया।"हम सुरक्षा के इंतजामात की तरफ भी ध्यान देने की प्लानिंग कर रहे हैं."डॉ। सुभाष सिंह, सीएमएस मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive