- इंदिरा गांधी आवासीय योजना का नाम बदलने के साथ हुए और कई बदलाव

- आवास के तहत आने वाली राशि को 70 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार किया गया

GORAKHPUR: केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली इंदिरा गांधी आवासीय योजना का नाम 'प्रधानमंत्री आवासीय योजना' होने के बाद सरकार ने इसके मद की राशि भी बढ़ा दी है। साथ ही वहीं अब इसके पात्रों के चयन का तरीका भी बदल जाएगा। पात्रों का आधार एपीएल कार्ड न होकर 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातिगत आधार पर की गई जनगणना होगी। इस दौरान आवासों से जुड़ी डिटेल को भी दर्ज किया गया था। जिसके आधार पर प्रधानमंत्री आवासीय योजना के पात्रों को आवासों का लाभ दिया जाएगा। जिले के गांवों में इस योजना के पात्रों का चयन करने के लिए 21 से 25 अप्रैल तक बैठकें भी आयोजित होगी, जिसमें योजना के लाभार्थियों की प्राथमिकता लिस्ट बनेगी।

इन आधारों पर दी जा रही प्राथमिकता

प्रधानमंत्री आवासीय योजना के लिए प्रत्येक ग्राम सभा के लिए आवासों की संख्या का निर्धारण होने के बाद पीजी वन, पीजी टू, और पीजी थ्री के आधार पर पात्रों का चयन किया जाएगा।

पीजी वन

इसके तहत वे पात्र आते हैं जो खुले आसमान के नीचे रहते हैं। जिनके पास कोई आवास नहीं है। इसके तहत विधवा और विकलांग पात्रों को भी वरीयता दी जाएगी।

पीजी टू

इसके तहत वे पात्र आते हैं जिनके पास रहने के लिए झोपड़ी आदि है। लेकिन एक भी कमरे का पक्का मकान नहीं है।

पीजी थ्री

इसके तहत वे पात्र आएंगे जिनके पास एक कमरे का कच्चा मकान हो। ऐसे पात्रों को प्राथमिकता के आधार पर तीसरे पायदान पर रखा जाएगा।

छूटे लोगों का अलग से होगा चयन

सामाजिक, आर्थिक और जातिगत आधार पर की गई 2011 की जनगणना से प्रधानमंत्री ग्रामीण आवासीय योजना के छूटे पात्रों को आवास दिलाने के लिए अलग से प्रक्रिया अपनाई जाएगी। सर्वे के दौरान इनका आवेदन शासन को भेजा जाएगा। वहां के निर्णय के आधार पर इन पात्रों को लाभार्थियों की सूची में शामिल किया जाएगा।

योजना के सर्वे का कार्य चल रहा है। अधिकारियों ने सर्वे के लिए 15 मई तक का समय दिया है। अभी आवासों का लक्ष्य नहीं आया है। पिछले वर्ष 5327 आवासों का लक्ष्य था।

अनिल कुमार, पीडी

Posted By: Inextlive