वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप में इस हफ्ते पहली बार एक ऐसा एथलीट हिस्सा लेगा जिसके पैर नहीं हैं और वो कृत्रिम ब्लेड की मदद से दौड़ता है. दक्षिण अफ्रीका का यह 24 वर्षीय एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस अपने कार्बन फाइबर ब्लेड की मदद से दक्षिण कोरिया में 400 मीटर और 4 गुना 400 मीटर रिले में दौड़ेगा. ऑस्कर को ब्लेड रनर के नाम से पुकारा जाता है.


पिस्टोरियस के पैरों में पैदाइशी समस्या थी और डाक्टरों ने साफ कहा था कि वो कभी चल नहीं पाएंगे. उनके पैर मुड़े हुए थे और कुछ हड्डियां भी नहीं थीं. कुछ समय तक पैरों को प्लास्टर में रखा गया ताकि वो सीधी हो जाएं लेकिन 11 महीने के बाद पैरों को काट दिया गया. पिस्टोरियस के पैरेंट्स ने कोशिश की कि पिस्टोरियस के पैर का अधिक से अधिक हिस्सा बचाया जाए. अगर और पैर काटा जाता तो इस समय पिस्टोरियस फाइबर की मदद से भी दौड़ नहीं पाते. पिस्टोरिसय कृत्रिम पैरों से चलना बहुत जल्दी सीख गए थे.


बॉब गेली बताते हैं कि पिस्टोरिस ने जिन कार्बन ब्लेड के साथ परीक्षण दिया था उन्हें वही ब्लेड पहन कर दौड़ना होगा. वो ब्लेडों को अपग्रेड नहीं कर सकते. अगर वो ऐसा करेंगे तो ये नियमों  का उल्लंघन माना जाएगा. गेली कहते हैं कि खेलों की दुनिया के ये नियम तय हैं और ओलंपिक में भी ये देखा जाता है कि एथलीट नए किस्म के कपड़े या जूते न पहनें जिससे उन्हें अनुचित फ़ायदा हो क्लैरिंस फ्रैगरेंस गुर्प के अध्यक्ष जोएल पैलिक्स कहते हैं कि वो अपनी कंपनी के लिए ब्रांड एंबेसडर खोज रहे थे लेकिन वो स्पोर्ट्समैंन और एक्टर्स से बोर हो चुके थे.

वो कहते हैं, ‘‘ मैं पिस्टोरियस की पर्सनैलिटी से प्रभावित हुआ. स्पोर्ट्स में उनका करियर अद्भुत है.उनकी कहानी से लोग प्रेरणा ले सकते हैं.’’ हालांकि पैलिक्स कहते हैं कि अगर पिस्टोरियस इतने सुंदर नहीं होते तो शायद वो उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाने की नहीं सोचते.

Posted By: Kushal Mishra