-काशी विद्यापीठ में आयोजित वर्कशॉप में एक्सपर्ट ने रखें अपने व्यूज

VARANASI:

बाजारवाद के इस दौर में पत्रकारिता भी बाजार का हिस्सा होती जा रही है और समाचार सामान की तरह बेचे जा रहे हैं। इससे सामाजिक मूल्यों की हानि हो रही है। उक्त बातें बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार के एक्स एचओडी प्रो। बलदेवराज गुप्त ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से आयोजित सात दिवसीय वर्कशॉप के पाचवें दिन बुधवार को फ‌र्स्ट सेशन में बतौर मुख्य वक्ता कहीं। 'समाचार संकलन एवं संपादन' विषयक वर्कशॉप में विशिष्ट वक्ता के रूप में सीनियर जर्नलिस्ट अमिताभ भट्टाचार्य ने कहा कि सांस्कृतिक रिपोर्टिग करतें हुए पत्रकारों को पत्रकारिता की विकृतियों से बचना चाहिए। अध्यक्षता करते हुए पत्रकारिता एवं जनसंचार के एचओडी प्रो। अनिल कुमार उपध्याय ने कहा कि रिपोर्टर को लगातार अध्ययन और लेखन का अभ्यास करते रहना चाहिए। फ‌र्स्ट सेशन का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ। अरुण शर्मा ने किया।

जाने नई टेक्नोलॉजी

सेकेंड सेशन में मुख्य वक्ता इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकारिता में टेक्नोलॉजी का प्रवेश हो चुका है। उन्होंने ट्रेनी जर्नलिस्ट को साफ्टवेयर और एप्लीकेशन को जानने की सीख दी। सेकेंड सेशन का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ। मनोहर लाल ने किया। इस अवसर पर डिपार्टमेंट के रामशंकर सिंह, डॉ। सुनील कुमार, डॉ। संतोष कुमार गुप्ता, डॉ। रश्मि श्रीवास्तव, डॉ। रमेश सिंह, राघवेंद्र दूबे आदि उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive