-ग्लोबल कांफ्रेस ऑन इंटरनेशनल डे फॉर बायलॉजिकल डायवर्सिटी में एक्सप‌र्ट्स ने बायोलॉजिकल डायवर्सिटी पर की चर्चा

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PRAYAGRAJ: वैदिक काल में मनुष्यों के भोजन के लिए करीब 3000 प्रजातियां थी. क्लाइमेट में हो रहे बदलाव का असर रहा कि मुगल काल में यह घटकर 200 रह गई. वहीं आज के समय में सिर्फ 20 ऐसी प्रजातियां है, जिनका यूज मनुष्य भोजन के रूप में कर सकता है. यह बातें मंगलवार को ब्लू प्लैनेट सोसाइटी की ओर से आयोजित हुए दो दिवसीय ग्लोबल कांफ्रेंस ऑन इंटरनेशनल डे फॅार बायोलॉजिकल डायवर्सिटी विषय पर आयोजित सम्मेलन के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि आज के समय में तेजी से बदलते क्लाइमेट और पर्यावरण प्रदूषण का असर है कि 90 प्रतिशत भोजन योग्य प्रयोग की जाने वाली वनस्पतियां विलुप्त हो गई हैं.

350 लोगों ने लिया हिस्सा

सम्मेलन के दौरान करीब 350 लोगों ने पार्टिसिपेट किया. इस दौरान प्रो. रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने पर्यावरण को डिफेंस से जोड़ते हुए अपने विचार रखे. इसके बाद इनपिगरल यूनिवर्सिटी लखनऊ के प्रो. खालिद व डॉ. एके वर्मा ने भी अपने विचार रखे.

Posted By: Vijay Pandey