वेटिंग में जांच, कैसे हो इलाज
बेली हॉस्पिटल में मरीज बढ़े तो जांच में मिलने लगी वेटिंग
ALLAHABAD: सरकार का दावा है कि कॉमन मैन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिले के अस्पताल वेल इक्विप्ड हैं। यह सरकार का सरपेप्शन है। कम से कम बेली हॉस्पिटल पर तो यह सच लागू नहीं होता। यहां तो पब्लिक को जांच कराने के लिए भी दो से तीन दिन का टाइम दिया जा रहा है। तत्काल जांच के लिए प्राइवेट में जाएंहॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को महंगी जांच कराने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। गर्मी के मौसम में मरीजों की संख्या अधिक हो जाने से अधिकतर जांचों में लंबी वेटिंग लग रही है। एक्सरे में एक दिन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड की जांच में दो से तीन दिन बाद नंबर आ रहा है। वेट करना मजबूरी है और नहीं कर सकते तो आपके पास प्राइवेट में जाने के अलावा कोई चारा नहीं है।
मरीज पूछ रहे कब बनेगी मशीन रही सही कसर 15 दिन से खराब पड़ी सीटी स्कैन मशीन निकाल रही है। हॉस्पिटल में इस मशीन से जांच महज 500 रुपए में हो जाती है जबकि प्राइवेट में पांच हजार तक रुपए देने पड़ते हैं। हॉस्पिटल में रोजाना होने वाली एमआरआई जांच- 10 से 12फीस- 2500 रुपए
वेटिंग- 2 से 3 दिन
प्राइवेट में एमआरआई जांच का खर्च- 7 से 8 हजार हॉस्पिटल में रोजाना होने वाली सीटी स्कैन जांच- 25 फीस- 500 रुपए वेटिंग- 15 दिन से खराब है मशीन प्राइवेट में सीटी स्कैन जांच का खर्च- 4 से 5 हजार हॉस्पिटल में रोजाना होने वाले अल्ट्रासाउंड- 60 फीस- निशुल्क वेटिंग- 2 से 3 दिन प्राइवेट में आने वाला खर्च- 800 रुपए हॉस्पिटल में रोजाना होने वाले डिजिटल एक्सरे- 100 फीस- निशुल्क वेटिंग- एक दिन या जांच रिपोर्ट अगले दिन मिलती है प्राइवेट में आने वाला खर्च- 300 से 400 रुपए संसाधन सीमित हैं और मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि उनको वेटिंग दी जा रही है। हालांकि, कोशिश होती है कि सेम डे जांच उपलब्ध करा दी जाए। सीटी स्कैन की खराबी जानकारी हॉस्पिटल प्रबंधन को दे दी गई है। डॉ। कमलाकर सिंह, सीनियर रेडियोलाजिस्ट, बेली हॉस्पिटल