यूरोजोन से ग्रीस के निकलने की आशंकाओं और स्पेन की अर्थव्यवस्था पर मंडराते खतरे का असर एशियाई बाजारों पर भी बड़ा है और मुंबई सेंसेक्स खुलने के साथ 150 अंक नीचे आ गया है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी 40 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय बाज़ार में ऑटो, बैंकिंग, रिएलिटी सेक्टर के शेयरों में भारी बिकवाली दर्ज की गई। जापान के निक्केई इंडेक्स में दो प्रतिशत गिरावट हुई है जबकि कल अमरीकी बाजार भी काफी नीचे बंद हुए थे।

ग्रीस के यूरोजोन से बाहर होने की आशंकाओं के कारण निवेशक बाजार पर बिल्कुल भरोसा नहीं कर रहे हैं और कई कंपनियों ने अपने शेयर बेचे हैं। उधर आयरलैंड में यूरोपीय मौद्रिक संधि पर गुरुवार को जनमत संग्रह होना है। मौद्रिक संधि के अनुसार यूरोपीय संघ के देशों के बजट घाटे से संबंधित नियम और कड़े किए गए है।

रुपए में गिरावट

पिछले कुछ समय में रुपए में गिरावट तो जारी ही है लेकिन गुरुवार को यह और गिरी है और रिकार्ड स्तर तक जा पहुंची है। गुरुवार को बाज़ार खुलते ही रुपया 56 के स्तर पर पहुंच गया था। यानी एक डॉलर की क़ीमत हो गई थी 56.50 पैसे। माना जा रहा है कि रुपए पर नियंत्रण के लिए रिजर्व बैंक जल्दी ही कोई कदम उठा सकता है।

चौथी तिमाही के आकड़े

बाज़ार में अब इंतजार है अर्थव्यवस्था की चौथी तिमाही के आकडो़ का। ये आकड़े इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में कई क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के बारे में नकारात्मक भविष्यवाणियां की हैं।

वैश्विक हालत पर एक नज़र

जापान- निक्केई इंडेक्स में 1.9 प्रतिशत की गिरावट हुई है। येन मज़बूत हुआ जिससे देश का निर्यात घाटा बढ़ा है। माज़दा मोटर्स और कैनन के शेयर गिरे। कोरिया- कंपोज़िट स्टॉक प्राइस इंडेक्स मं 22 अंकों की गिरावट जो 1.22 प्रतिशत की गिरावट है। हांगकांग- हांग सेंग में 1. 4 प्रतिशत की गिरावट। सिंगापुर, ताइवान, चीन, इंडोनेशिया और फिलीपींस के बाजा़रों में भी गिरावट। ऑस्ट्रेलिया- शेयर बाजार 1.1 प्रतिशत गिरा। स्पेन- बैंकिंग प्रणाली पर ज़बर्दस्त दबाव। स्पेन का चौथा सबसे बड़े बैंक बैंकिया को 23.8 अरब डॉलर की ज़रुरत ताकि वो रियल स्टेट ऋणों को कवर कर सके। Posted By: Inextlive